मप्र: हाईकोर्ट ने लगाई प्रोफेसर्स की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक

भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने छिंदवाड़ा इंस्‍टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में एसोसिएट प्रोफेसर्स व प्रोफेसर्स की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है।

मामले की अगली सुनवाई अगले महीने 13 जून को निर्धारित की गई है। न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, संभागायुक्त जबलपुर व छिंदवाड़ा इंस्‍टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के डीन व सीईओ को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि सीधी भर्ती प्रक्रिया में प्रमोशन रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है जिससे उनका हक मारा जाएगा।

कालेज प्रबंधन ने 29 मार्च, 2022 को विज्ञापन जारी कर एसोसिएट प्रोफेसर्स व प्रोफेसर्स के पद पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। इस प्रक्रिया में राज्य सरकार द्वारा जारी परिपत्रों के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार ने शासकीय मेडिकल कालेजों में भर्ती के लिए 17 नवंबर, 2020 और छह सितंबर, 2021 को परिपत्र जारी किए हैं।

सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने से पहले प्रमोशन रोस्टर के आवेदनों पर विचार करना जरूरी है। कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दी जाए

: राजनीतिक दबाव में और अपनों को उपकृत करने के लिए रोस्टर प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। प्रदेश के अन्य मेडिकल कालेजों में सीधी भर्ती प्रक्रिया में प्रमोशन रोस्टर का पालन किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता सहायक प्राध्यापकों डा. पूजा सिंह, डा. नितिन जैन, डा. सोनाली त्रिपाठी व डा. हेमंत अहिरवार की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा।