सुप्रीम कोर्ट: पैसों से सड़क हादसे में हुई मानसिक शारीरिक क्षति की भरपाई संभव नहीं है

पीठ ने कहा, व्यक्तिगत चोट के मामलों में नुकसान का निर्धारण करना आसान नहीं है। बच्चे के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर 49.93 लाख रुपये कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा, सड़क हादसे में पीड़ित को हुई मानसिक व शारीरिक क्षति की भरपाई मुआवजे से नहीं हो सकती। लेकिन, मुआवजा देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। शीर्ष अदालत ने इस टिप्पणी के साथ ही सड़क हादसे के लिए एक बच्चे के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर 49.93 लाख रुपये कर दिया।

जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने इस मुआवजा राशि के साथ ब्याज भी अदा करने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा, व्यक्तिगत चोट के मामलों में नुकसान का निर्धारण करना आसान नहीं है। पीठ एक बच्चे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

हाईकोर्ट ने वाहन हादसा दवा न्यायाधिकरण के 18.24 लाख हर्जाने के बजाय बच्चे को 13.46 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि अस्पताल से छुट्टी के बाद मेडिकल विवरण के मुताबिक बच्चा अपने दोनों पैर हिला नहीं सकता था। उसके पैरों में जान ही नहीं बची थी, उसे पेशाब पर संयम रखने में तकलीफ, कब्ज और सोने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

उसकी मौजूदा हालत को देखते हुए उसे ताउम्र एक अटेंडेंट की जरूरत पड़ेगी। पीठ ने पाया कि हादसे के कारण इस बच्चे ने न सिर्फ अपना बचपन खो दिया बल्कि आगे की जिंदगी के कई पहलु भी गंवा दिए। उसकी शादी होना भी नामुमकिन है ऐसे में उसे इसका हर्जाना भी मिलना चाहिए।