स्वस्थ बच्चों को रोगी बताने वाले मेडिकल कॉलेज का मामला, कोर्ट ने पूछा- आपने मुन्ना भाई एमबीबीएस देखी है

महाराष्ट्र के धुले स्थित अण्णासाहेब चूडामन पाटिल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बहुचर्चित फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस की याद ताजा हो गई। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कॉलेज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा, यह ऐसा मामला है, जहां बाल चिकित्सा वार्ड में सभी बच्चों को बिना किसी बीमारी के भर्ती कराया गया था। क्या आपने मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म देखी है? कैसे अस्पताल में नकली मरीज थे? मकर संक्रांति पर बीमारी खत्म नहीं होती है। यह मामला फर्जी रिकॉर्ड का है।

दरअसल, कॉलेज ने पिछले साल एमबीबीएस कोर्स के लिए छात्रों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 करने के लिए आवेदन किया था। इसके लिए कॉलेज ने वचनपत्र दिया था, जिसके बाद पिछले नवंबर में नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने छात्रों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी थी। हालांकि, 14 जनवरी, 2022 को एनएमसी के विशेषज्ञों की टीम ने कॉलेज का औचक निरीक्षण किया, जिसके आधार पर छात्रों की संख्या बढ़ाने की अनुमति वापस लेने के साथ पहले से 100 छात्रों के दाखिले की प्रक्रिया भी अगले शैक्षिक सत्र के लिए निलंबित कर दी गई। इस निर्णय को कॉलेज ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज को या तो पुन: निरीक्षण करवाने या अपील करने का विकल्प दिया। कॉलेज ने पहले विकल्प को चुना।

हाईकोर्ट के आदेश को एनएमसी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और मामले को वापस हाईकोर्ट के पास भेजते हुए नए सिरे से सुनवाई करने के लिए कहा है।

दो दिन बाद होने वाले इलाज का चार्ट पहले से भर रखा था
एनएमसी की टीम ने कॉलेज के औचक निरीक्षण में पाया कि मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला नर्सेज चार्ट पहले से भर कर रखा गया था। 16 तारीख को किए जाने वाले इलाज का ब्योरा भी इस चार्ट में पहले से भरा पाया गया। भर्ती मरीजों से जब टीम ने पूछताछ की तो बीमारी के बारे में गोल-मोल जवाब मिला और ये मरीज बीमार भी नहीं थे।

कांग्रेस विधायक का कॉलेज, इसलिए निशाना बनाया
कॉलेज की ओर से पेश एक अन्य वरिष्ठ वकील नीधेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि यह कॉलेज 1992 से चल रहा है और पहले भी कॉलेज का निरीक्षण होता रहा है लेकिन कभी कोई शिकायत नहीं मिली। इस बार एक गुमनाम शिकायत के आधार पर कॉलेज को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि कॉलेज एक कांग्रेस विधायक से संबंधित है।