तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल 35 देश के कार्यकर्ताओं को ब्लैकलिस्ट में डालने के खिलाफ याचिका, मार्च में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने वाले 35 देशों के नागरिकों को 10 साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट किए जाने के मामले में दायर याचिका पर मार्च में सुनवाई करेगा। 

इससे पहले केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच से कहा कि मामले में एक बहुत ही अहम संवैधानिक सवाल विचार के लिए सामने आता है, जो वीजा प्रतिबंधों के संबंध में किसी विदेशी के अधिकारों से संबंधित है।

मेहता ने कहा कि कोर्ट को इस मुद्दे पर विचार करते समय चार कानूनों- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, विदेशी अधिनियम, विदेशी नागरिक पंजीकरण अधिनियम और नागरिकता अधिनियम पर विचार करना पड़ सकता है। इस पर बेंच ने कहा, “जहां तक मुख्य विषय का सवाल है, तो इसमें एक और छोटा और अहम सवाल भी शामिल है, जिसे समाधान जल्दी किए जाने की जरूरत है। हम इस प्रमुख मामले की सुनवाई मार्च के दूसरे हफ्ते में करेंगे।”

सुप्रीम कोर्ट ने 24 साल की एक मलेशियाई नागरिक की याचिका पर भी गौर किया जिसने ब्लैकलिस्ट से जुड़े मामले को समाधान करने की मांग की है। उसके खिलाफ बिहार में एक आपराधिक मामला दर्ज है और उसे रद्द करने के अनुरोध वाली एक याचिका पटना हाईकोर्ट में लंबित है।

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