आय से अधिक संपत्ति के मामले में तहसील संयोजक को 4 वर्ष की जेल और मप्र में पहली बार 2 करोड रूपये अर्थदण्‍ड की सजा

ग्‍वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर के सत्र न्‍यायाधीश आदित्‍य रावत ने धारा भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13(2) के अपराध में दोषी पाते हुये आरोपी हरीश शर्मा पुत्र के.सी. शर्मा उम्र 54 साल तहसील ग्राम संयोजक रक्षा समिति ग्‍वालियर निवासी -16 नेहरू कॉलोनी थाटीपुर जिला ग्‍वालियर को 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 करोड रूपये के अर्थदण्‍ड की सजा सुनाई।

अभियोजन के अभियोजन संचालनकर्ता लोक अभियोजन अधिकारी विशेष लोक अभियोजक / लोकायुक्‍त राखी सिंह ने घटना के बारे मे बताया कि मोहन मंडेलिया द्वारा आरोपी हरीश शर्मा उपनिरीक्षक (तहसील संयोजक) ग्राम रक्षा समिति ग्‍वालियर के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई थी।

उक्‍त शिकायत में इंगित विन्‍दुओ का गोपनीय सत्‍यापन करने पर सही पाये जाने पर प्रतिवेदन विशेष पुलिस स्‍थापना लोकायुक्‍त भोपाल की ओर प्रेषित किया गया।

समीक्षा के उपरांत आरोपी हरीश शर्मा के विरूद्ध प्राथमिक जॉच पंजीवद्ध की गई प्राथमिक जॉच तत्‍कालीन निरीक्षक के.एस. नागर द्वारा की गई ओर उन्‍होने जॉच में आरोपी हरीश शर्मा के नाम तथा परिजनों के नाम अनुपात से अधिक 381 गुना आय से अधिक संपत्ति अर्जित करना पाया गया।

आरोपी हरीश शर्मा के विरूद्ध अपराध पंजीवद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष पेश किया गया माननीय न्‍यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य एवं दस्‍तावेज से सहमत होकर आरोपी को कारावास एवं अर्थदण्‍ड की सज़ा सुनाई ।

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