संसदीय पैनल ने रिजर्वेशन और किराया को लेकर रेलवे को दिए सुझाव, वेटिंग और RAC टिकट वालों को होगा लाभ

सोमवार को संसदीय पैनल ने भारतीय रेलवे रिजर्वेशन (Railway Reservation) को लेकर कुछ सुझाव दिए. संसदीय पैनल (Parliamentary Panel) के यह सुझाव (Parliamentary Panel suggestions to railways) मुख्य रूप से रेलवे के यात्रा से पहले तैयार किए जाने वाले दूसरे रिजर्वेशन चार्ट (Second Reservation Chart ) को लेकर थे. पैनल ने कहा कि भारतीय रेलवे (Indian Railway) को रिजर्वेशन के अपने दूसरे चार्च को तैयार करने की नीति की समीक्षा करनी चाहिए. इस संबंध में रेल मंत्रालय की स्थायी समिति ने कहा कि ट्रेन के डिपार्चर से 30 मिनट पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने का कोई तर्क नहीं है जब वेटिंग और आरएसी टिकट के यात्री अपना कंफर्न टिकट का इंतजार कर रहे होते हैं.

भाजपा सांसद राधा मोहन की अध्यक्षता वाली समिति ने भारतीय रेलवे की आरक्षण प्रणाली की रिपोर्ट पर कहा कि जो लोग शॉर्ट नोटिस पर यात्रा करना चाहते हैं उनके लिए पहले से ही तत्काल टिकट बुकिंग का प्रावधान चल रहा है, इसलिए 4-5 घंटे पहले पहली आरक्षण सूची तैयार हो जाने के बाद ट्रेन में बची खाली सीटों को RAC टिकट वाले यात्रियों और वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को दी जानी चाहिए. इससे यात्री निर्धारित समय में बिना किसी समस्या के यात्रा कर सकेंगे.

 

टिकट की रियल टाइम में मिलनी चाहिए जानकारीसंसदीय पैनल ने अपने रिपोर्ट में आरएसी टिकट धारकों को और अधिक मदद पहुंचाने के लिए भी सुझाव दिए. पैनल ने कहा कि रेलवे के डिब्बों में एक विशेष प्रकार की व्यवस्था करनी चाहिए कि यात्री अपनी वेटिंग लिस्ट का स्टेटस आसानी से चेक कर सकें न कि कोई यात्री टिकट का स्टेट जानने के लिए बार बार टीटी को तलाशे. यात्रियों को अपने टिकट के स्टेट के बारे में रियल टाइम में इंफॉर्मेशन मिलनी चाहिए जिससे सीट्स के आवंटन में भी पारदर्शिता आएगी.समिति ने इसके साथ ही रेलवे को राजधानी, शताब्दि और दूरंतो ट्रेनों में शुरू की गई फ्लेक्सी/डायनमिक फेयर मैकेनिज्म पर भी समीक्षा करने का सुझाव दिया.

समिति ने कहा कि प्रीमियम ट्रेनों के टिकट की कीमत पहले से ही नियमित मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में काफी अधिक है और अब फ्लेक्सी योजनाओं के तहत किराए में वृद्धि से इन ट्रेनों को आर्थिक रूप से वंचित या फिर कमजोर रेल उपयोगकर्ताओं की पहुंच से प्रिमियम ट्रेन से बाहर हो गई है. पैनल ने रेलवे को आईआरसीटीसी वेबसाइट सर्वर की क्षमता को बढ़ाने का भी सुझाव दिया.

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