पैन और आधार कार्ड को जोड़ने की समय सीमा मार्च 2022 तक बढ़ाई गई

नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) कार्ड को बायोमेट्रिक आईडी ‘आधार’ से जोड़ने की समयसीमा छह महीने बढ़ाकर मार्च 2022 कर दी है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से विभिन्न हितधारकों के सामने आ रही समस्या को ध्यान में रखते हुए समयसीमा बढ़ा दी गई है, जिससे अनुपालन में आसानी होगी.

सीबीडीटी ने कहा, ‘पैन को आधार से जोड़ने के लिए आयकर विभाग को आधार संख्या की सूचना देने की समयसीमा 30 सितंबर, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दी गई है.’

साथ ही आयकर अधिनियम के तहत जुर्माने की कार्यवाही पूरी करने की आखिरी तारीख भी 30 सितंबर, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दी गई है.

इसके अलावा बेनामी संपत्ति लेन-देन रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत न्याय निर्णायक प्राधिकरण द्वारा नोटिस जारी करने और आदेश पारित करने की समयसीमा भी मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है.

एनडीटीवी के मुताबिक, यह चौथी बार है जब सरकार ने दो पहचान दस्तावेजों को जोड़ने की अंतिम तिथि बढ़ाई है. प्रारंभ में अंतिम तिथि 31 मार्च, 2021 निर्धारित की गई थी, जिसे 30 जून तक और फिर 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था. अब समय सीमा फिर से छह महीने बढ़ा दी गई है- यानी चालू वित्त वर्ष के अंत तक.

यदि पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं किया गया है, तो इसके निष्क्रिय होने की संभावना है और 1,000 रुपये का विलंब शुल्क लग सकता है. इसके अलावा जहां पैन कार्ड विवरण प्रदान करना अनिवार्य है, वहां वित्तीय लेन-देन करने में नहीं किया जा सकता है.

विशिष्ट पहचान संख्या- आधार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी किया गया एक 12 अंकीय संख्या है, जबकि पैन एक 10 अंकीय अल्फान्यूमेरिक संख्या है, जिसे आयकर विभाग द्वारा आवंटित किया जाता है.

पैन कार्ड कई वित्तीय लेन-देन को पूरा करने के लिए आवश्यक है जहां पैन का उल्लेख करना आवश्यक है. आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने जैसी आयकर संबंधी गतिविधियों को पूरा करने के लिए पैन और आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य है.

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