मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के 27 मई के निर्वाचन पर लगी रोक,गुपचुप चुनाव कराने का आरोप

 

भोपाल/ ग्वालियर। उज्जैन में 27 मई को मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन का प्रांतीय अधिवेशन एवं निर्वाचन विक्रम कीर्ति मंदिर कोठी रोड पर होना था। इस चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी थी। निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई थी। इस अधिवेशन और निर्वाचन में प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया की मौजूदगी निहित है। उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल और एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष राजेंद्रसिंह भदौरिया भी विशेष अतिथि के तौर पर भाग लेंगे।
इस आयोजन की तैयारी में लगे मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को पता चला कि निर्वाचन को लेकर किसी ने सामान्य प्रशासन विभाग को शिकायत कर दी है। इस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र जारी करते हुए रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी को आदेशित किया कि 27 मई को उज्जैन मे हो रहे निर्वाचन पर तत्काल रोक लगाएं। इस प्रकरण की जांच करें। आदेश मिलने के बाद मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुरेश द्विवेदी व सचिव मनोज शर्मा ने बताया कि 27 मई को उज्जैन में होने वाली निर्वाचन प्रक्रिया पर रजिस्ट्रार फम्र्स एवं सोसायटी ने रोक लगाई है। इस मामले में जांच के बाद चुनाव कराए जाएंगे। 27 मई को उज्जैन के विक्रम कीर्ति मंदिर में होने वाला प्रांतीय अधिवेशन जरूर होगा। ग्वालियर में 2020 में एसोसिएशन के चुनाव हुए थे। पदाधिकारियों का तीन साल का कार्यकाल रहता है। इस वजह से इस वर्ष चुनाव आयोजित होना थे।
गुपचुप निर्वाचन की बात झूठी
पदाधिकारियों ने शिकायत में गुपचुप निर्वाचन के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि गुपचुप तरीके से निर्वाचन की बात बिल्कुल गलत है। निर्वाचन के लिए पहले अधिसूचना जारी की गई। निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति की गई। आयोजन के कार्ड वितरण के साथ ही पूरे आयोजन की जानकारी समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई है। गुपचुप तरीके से निर्वाचन के आरोप का क्या अर्थ है? निर्वाचन में लगभग 1000 डिप्लोमा इंजीनियर्स अपने मत का प्रयोग करने वाले थे। मतदाताओं के साथ ही सभी को इस बात की जानकारी थी। इस पूरे मामले में गुपचुप निर्वाचन जैसा कुछ भी नहीं है