विदेश घूमने के बाद बताना होगा कितना हुआ खर्च, नौकरशाहों को अब सरकारी खर्च की जानकारी सूचना के अधिकार में देनी होगी

भोपाल। एमपी के अफसर खूब विदेश जा रहे हैं। सरकारी खर्च पर ये सैर-सपाटा किया जा रहा है लेकिन इन विदेश यात्राओं पर पर्दा रखा जाता है। विदेश यात्राओं पर जा रहे अधिकारी इसका खर्च बताने में आनाकानी करते हैं। जब सूचना के अधिकार में इसकी जानकारी मांगी जाती है तो
सरकारी विभाग अफसरों की विदेश यात्रा को व्यक्तिगत या तृतीय पक्ष की जानकारी बताकर आरटीआइ में जानकारी देने से मना कर देते हैं। हालांकि नौकरशाहों की यह दलील अब नहीं चलेगी। प्रदेश में सरकारी खर्चे पर होने वाली यात्राओं की अब हर हाल में जानकारी देनी होगी।
सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) की प्रमुख सचिव एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी दीप्ती गौड़ मुखर्जी ने एक मामले में यह आदेश दिया है। राज्य में परंपरा रही है कि नौकरशाह, विभागीय अफसर सरकारी खर्चे पर विदेश यात्रा तो करते हैं, लेकिन इससे जुड़ी जानकारी नहीं देते। जब खर्च की जानकारी मांगी जाती है तो संबंधित विभाग ये कहकर इनकार कर देते हैं कि यह तृतीय पक्ष से जुड़ी है इसलिए आरटीआइ में नहीं दी जा सकती। जानकारी न देने के अन्य तर्क भी देते हैं। अब विभागों इसकी जानकारी देनी होगी।
ननि आयुक्त की विदेश यात्रा की जानकारी मांगी
भोपाल के नितिन सक्सेना ने नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी की पिछले साल में नवंबर में विदेश यात्रा की जानकारी मांगी थी। पूछा था कि विदेश यात्रा के दौरान आयुक्त का प्रभार किसके पास रहा। इससे जुड़ी नोटशीट की प्रति मांगी गई थी। सामान्य प्रशासन विभाग के लोक सूचना अधिकारी ने इस तर्क के साथ जानकारी देने से मना कर दिया कि अफसर की विदेश यात्रा तृतीय पक्ष से जुड़ा मामला है। इससे लोकहित नहीं जुड़ा है इसलिए आरटीआइ में जानकारी देना बंधनकारी नहीं है। नोटशीट एवं पत्र व्यवहार के मामले में लोक सूचना अधिकारी ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जानकारी उनके विभाग से संबंधित नहीं है। आवेदक ने सामान्य प्रशासन विभाग में प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन दिया। उन्होंने सुनवाई करते हुए आदेश में कहा कि प्रकरण के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि विभाग ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग से कोई पत्राचार नहीं किया। आवेदक को 15 दिन में जानकारी नि:शुल्क देने के आदेश दिए।