वकीलों और हाईकोर्ट के बीच बढ़ा गतिरोध; कहा- हम अवमानना की कार्यवाही के लिए तैयार, हमें जेल भेज दो

ग्वालियर/ भोपाल। मध्यप्रदेश में वकीलों और हाईकोर्ट के बीच गतिरोध बढ़ गया है। दरअसल, उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी बार एसोसिएशन झुकने को तैयार नहीं है। भोपाल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पीसी कोठारी की अदालत को कहा है कहा कि हम अवमानना की कार्यवाही के लिए तैयार है, आप चाहे तो जेल भेज दो हम जेल भर देंगे। पिछले कई दिनों से वकीलों की हड़ताल चल रही है, अदालतों में काम बंद हड़ताल की जा रही है। इससे अदालत में कामकाज ठप पड़ा है। बता दें कि एमपी हाईकोर्ट जबलपुर  ने बार एसोसिएशन को फटकार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने फरमान जारी करते हुए वकीलों को तत्काल काम पर लौटने को कहा था। हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि वकील तत्काल काम पर लौटें या अवमानना की कार्रवाई को तैयार रहें। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने 10 पृष्ठीय विस्तृत आदेश में स्पष्टतौर पर कहा कि यदि इसका पालन नहीं हुआ तो इसे अवज्ञा माना जाएगा और उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

शुरू से हावी नहीं है बार एसोसिएशन ग्वालियर

बता दें कि अन्य ज़िलों की अपेक्षा ग्वालियर बार एसोसिएशन पिछले लंबे समय से आपसी राजनीति का शिकार बनता देखा जा रहा है।अधिवक्ताओं के काम कम होते हैं खींचतान पहले शुरू हो जाती है।यही हाल अदालतों में बार एसोसिएशन का जजों के समक्ष रहा है।ग्वालियर के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि जजों की हठधर्मिता के मुद्दे पर बार एसोसिएशन कभी भी अपनी ताक़त नहीं दिखा सका है। उन्होंने जस्टिस अहलूवालिया का उदाहरण भी दिया। ग्वालियर उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि जब तक बार एसोसिएशन वकीलों को संगठनात्मक रूप से एक विचार के रूप में नहीं लेगा जब तक जजों के आगे वक़ील असहाय नज़र आएंगे और इसका खामियाजा उन अधिवक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है जो दूर दूर से पैरवी करने आते हैं।  इधर हज़ारों की संख्या में पक्षकार भी बार-बार तारीख़ बढ़ने से परेशान हो रहे हैं ।