तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर, जनता से जुड़े कामों पर असर, वॉट्सएप ग्रुप से लेफ्ट, सरकारी वाहन भी लौटाए

भोपाल । मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार सोमवार से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इससे पहले रविवार रात में ही वे सरकारी वॉट्सएप ग्रुप लेफ्ट हो गए और गाडिय़ां भी लौटा दी। उनके छुट्टी पर जाने से जनता से जुड़े कई कामों पर असर दिखाई देने लगा है। बंटाकन, सीमांकन समेत कई कामों की सुनवाई नहीं हो पाई है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार रविवार रात 8 बजे सभी ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप से एकसाथ लेफ्ट हो गए।

 

 

वहीं, रात 9 बजे तक अपनी सरकारी गाडिय़ां सीनियर अफसरों को जमा करा दी। अपना डिजिटल साइन का डोंगल भी रात 9 बजे तक वापस अपने पास जमा कर लया। इसके बाद सोमवार से अवकाश पर चले गए हैं। तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के अवकाश पर चले जाने के कारण बंटाकन और सीमांकन जैसे अनेक काम नहीं हो सकेंगे। इससे पेंडिंग केस की संख्या बढ़ेगी। लाड़ली बहना योजना की मानीटरिंग में भी दिक्कतें आएंगी।
तहसीलदार इसलिए कर रहे आंदोलन
बता दें कि प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा फरवरी से ही गरमाया हुआ है। वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई है। इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। हालांकि, अब तक लिस्ट जारी नहीं हुई है, इसलिए उन्होंने सामूहिक अवकाश पर जाने का मन बनाया है। इसके अलावा प्रमोशन, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित करने और राजस्व अधिकारियों की ग्रेड-पे एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगें हैं। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मांगों को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। बावजूद अब तक ये पूरी नहीं की गई है।