बजट मप्र: 12वीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर छात्राओं को मिलेगी ई-स्कूटी, महिलाओं को मिलेंगे एक हजार रुपए, जनता पर कोई नया टैक्स नहीं

भोपाल। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा आज विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के शोरशराबा की बीच बजट पेश किया। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वाकआउट भी किया। पूर्व में प्रदेश सरकार द्वारा बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है।मध्य प्रदेश के स्कूलों में सभी खाली पदों में भर्ती की जाएगी मध्यप्रदेश में शुरू होगी। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में घोषणा करते हुए कहा कि 12वीं क्लास में फर्स्ट डिविजन से पास होने वाली छात्राओं का ई-स्कूटी दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि नवीन मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना के तहत इस साल से 12वीं क्लास फर्स्ट डिविजन से जो छात्राएं पास होंगी सरकार की तरफ से उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए ई-स्कूटी दी जाएगी।
सरकार की इस घोषणा को चुनावी साल से जोड़कर देखा जा रहा है।मप्र में पहली बार ई-बजट बजट आया। विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने इसे टैबलेट पर पढ़ा। मंत्रियों और विधायकों को भी टैबलेट दिए गए थे। पत्रकारों को पूर्व में बजट भाषण की कॉपी पेनड्राइव प्रदान की गई। बजट भाषण के बीच गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, वे कहते हैं कि महिलाओं को 1000 रुपए देंगे, लेकिन गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए। हंगामे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध करते हुए कहा, बजट भाषण पूरा प्रदेश सुनना चाहता है। इसके साथ ही बजट में महिलाओं पर विशेष फोकस किया गया है। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी योजना लाड़ली बहना के लिए सरकार ने जमकर खजाना खोला है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में महिला स्व सहायता समूहों के लिए 660 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।वर्ष 2023-2024 के बजट भाषण में वित्तमंत्री ने एक लाख सरकारी नौकरियां देने का ऐलान किया। इसी के साथ हाल में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना के लिए 8 हजार करोड़ के प्रविधान के साथ मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना का भी घोषणा की। इसी के साथ इस बार भी कोई नया कर नहीं लगाया गया है। उन्‍होंने जय श्री महाकाल के उद्घोष के साथ अपना बजट भाषण प्रारंभ किया। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा बजट समावेशी बजट है। जनता का विश्वास और सरकार के प्रयास से मिलकर हम लगातार काम कर रहे हैं। इसी दौरान विपक्षी सदस्‍यों ने सदन से बहिष्कार किया। विपक्ष की गैरमौजूदगी में वित्त मंत्री ने बजट भाषण पढ़ना जारी रखा।
देश के सकल घरेलू उत्पाद में हमारे प्रदेश का योगदान 3.6 प्रतिशत से बढ़कर अब 4.8 प्रतिशत हो चुका है। वर्ष 2011-12 प्रति व्यक्ति आय 30 हजार 497 रुपये थी, अब 2022-23 में साढ़े तीन गुना तक बढ़कर 1 लाख 40 हजार 585 हो गई है! उन्‍होंने कहा कि सरकार ने लाडली बहना योजना की सौगात दी है। सभी सदस्यों ने मेज थपथपाते इसका स्वागत किया। इस योजना के लिए बैंक खाते में 1000 रुपये प्रति माह की राशि जमा की जाएगी। आठ हजार करोड़ रुपए लाडली बहना योजना के लिए किया गया। प्रदेश की सरकार ने राज्य विधानसभा में कुल 3.14 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि हवाई पट्टियों को एयरपोर्ट बनाया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के लिए 277 करोड़ का प्रवाधान। सरकार 1 हजार सरकारी वाहनों को हटाएगी। 25 चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान। मनरेगा के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान। 15 साल पुराने वाहन नहीं चलाए जा सकेंगे।अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री श्री देवडा ने कहा कि दशकों से भारत की तुलना गजराज से की जाती रही है, जिसमें शक्ति तो बहुत है लेकिन चाल धीमी है। मुझे यह कहते हुये गौरव हो रहा है कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, के नेतृत्व में अब भारत ने शेर की तरह दहाड़ते हुए वैश्विक परिदृश्य पर अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है। जहां दुनिया की मुख्य अर्थव्यवस्थायें मंदी से जूझ रही हैं, वहां हमारा देश, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुका है। 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य बेबुनियाद नहीं है।
प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी, के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश भी अपना योगदान, सम्पूर्णता के साथ दे रहा है।राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2022-23 में अग्रिम अनुमानों के अनुसार प्रचलित भावों पर 16.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में हमारे प्रदेश का योगदान विगत दस वर्षों में 3.6 प्रतिशत से बढ़कर अब 4.8 प्रतिशत तक पहुँच चुका है।प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भावों पर वर्ष 2011-12 मे रुपए 38 हजार 497 थी, जो कि वर्ष 2022-23 (अग्रिम) में साढ़े 3 गुना से अधिक बढ़कर रुपए1 लाख 40 हजार 583 हो गई है। प्रधानमंत्री जी की विश्व नेता की छवि के दृष्टिगत, भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता का सम्मान मिला है। इस समूह के कृषि, संस्कृति, जी-20 एम्पॉवर, विज्ञान, रोजगार, श्रमिक, अधोसंरचना उप-समूहों की 8 बैठकों का आयोजन, हमारे प्रदेश को सौंपा गया है। इन विचारशील बौद्धिक आयोजनों से प्रदेश के नीति निर्धारकों को लाभ एवं प्रदेश को वैश्विक पहचान के साथ कौशल्य, रोजगार, कृषि, अधोसंरचना आदि जैसे क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाओं का लाभ मिलेगा।
प्रदेश के कुशल नेतृत्व पर विश्वास दिखाते हुए भारत सरकार ने हमारे प्रदेश के इंदौर शहर को जनवरी, 2023 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन का गुरूत्तर सम्मान दिया। 70 से अधिक देशों से 3 हजार 500 से अधिक प्रतिनिधियों के स्वागत में हमने दिल के और घरों के दरवाजे खोले । मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि विदेशों में निवासरत, प्रवासी भारतीय के हितों के संरक्षण के साथ ही प्रदेश के विकास के लिये राज्य में निवेश को आकर्षित करने में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किये जाने की गतिविधियों को गति एवं दिशा देने में यह सम्मेलन सराहनीय रूप से सफल रहा है। आयोजन में पधारे प्रवासी अतिथियों में देश के स्वच्छतम शहर इंदौर को सराहा, जिससे प्रदेश की ख्याति बढ़ी है।
श्री देवडा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का मैं प्रदेश सरकार की ओर से आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने जी-20 के कार्य समूहों की बैठकों एवं प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन का प्रदेश को सम्मान दिया। इन आयोजनों से प्रदेश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित होगी।नारी के सशक्त होने पर परिवार सशक्त होता है, परिवार के सशक्त होने पर प्रदेश सशक्त होता है और प्रदेश के सशक्त होने पर राष्ट्र सशक्त होता है। हमारी सरकार की मंशा है कि नारी, परिवार में नेतृत्व तथा निर्णय लेने की भूमिका में आये। इसके साथ वह स्वयं की दैनन्दिन की जरूरतों के लिए आर्थिक रूप से अन्य किसी पर आश्रित न रहे। हमारी सरकार ने नारी मन की अबूझ व्यथा को संवेदनशीलता से समझा है। कन्या रत्न की पहली किलकारी से लेकर उसके संपूर्ण जीवनकाल में हमारी सरकार, साथ है। इस हेतु संतान के जन्म के पूर्व उसकी माता के गर्भवती होने पर पोषण की व्यवस्था, संस्थागत प्रसव पर आर्थिक सहायता, कन्या के जन्म पर लाडली लक्ष्मी योजना, शिशुओं की पोषण व्यवस्था के लिए आगंनवाड़ी, छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, पुस्तकें, गणवेश, छात्रवृत्तियां, सायकिल, कन्या शिक्षा परिसर छात्रावास, उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन आदि, कन्या विवाह एवं निकाह, प्रसूति सहायता, स्व-रोजगार के लिए आर्थिक सहायता, स्व-सहायता समूह, प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास, आबादी भूमि में महिलाओं के संयुक्त नाम पर भूमि स्वामी के अधिकार, संपत्ति की रजिस्ट्री में महिलाओं को विशेष छूट, विभिन्न पेंशन योजनायें, संबल योजनायें, महिला थाना, शासकीय सेवाओं में आरक्षण आदि जैसे कार्यक्रम संचालित हैं। यह इन योजनाओं के ही परिणाम है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के… अनुसार वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2020-21 में जन्म के समय लिंगानुपात 927 से बढ़कर 956 हो चुका है।
वर्ष 2007 से आरंभ लाड़ली लक्ष्मी योजना में अब तक 44 लाख 39 हजार से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रूपए 929 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। 17. प्रदेश के समस्त 52 जिलों की 84 हजार 465 आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं 14 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किशोरी बालिकाओं एवं अन्य महिलाओं को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी व्यवहारों को बढ़ावा देने एवं जागरूक करने के उद्देश्य से उदिता कार्यक्रम संचालित है।हमारी सरकार, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये निरन्तर प्रयास कर रही है। राज्य में महिला स्व-सहायता समूहों के 47 लाख से अधिक सदस्यों ने न केवल अपने स्वयं के लिये आर्थिक विकास किया है बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान दिया है। इन समूहों को रुपए 5 हजार 84 करोड़ से अधिक का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही 3 रुपए तक के बैंक ऋण पर 2 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान का भार राज्य शासन द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत रुपए 660 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है ! प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अन्तर्गत अब तक तक लगभग 33 लाख हितग्राहियों का पंजीयन कर 1 हजार 466 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। योजना क्रियान्वयन में प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत रुपए 467 करोड़ का प्रावधा प्रस्तावित है। नवीन आबकारी नीति के अंतर्गत शराब की दुकानों से सम्बद्ध अहातों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से नशे की लत को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी। विशेष पिछड़ी जनजातियों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से आहार अनुदान योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया एवं सहरिया) परिवार की महिला के बैंक खाते में प्रतिमाह राशि रूपए 1 हजार जमा कराए जाते हैं। स्वतंत्र शोध से यह ज्ञात हुआ है कि प्राप्त राशि से अधिकांश महिलाओं द्वारा पोषण संबंधी खाद्य पदार्थों पर ही व्यय किया गया है जिससे उनके सूक्ष्म पोषक तत्वों एवं विटामिन स्तर में वृद्धि हुई है। इस हेतु रुपए 300 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। 22. आहार अनुदान योजना के सुखद प्रतिफलों को दृष्टिगत रखते हुये हमारे जनप्रिय व संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी द्वारा सर्वसमाज की महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार तथा परिवार में निर्णय लेने की भूमिका के लिए क्रांतिकारी पहल करते हुये प्रदेश को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की सौगात दी है। इस योजना के अन्तर्ग पात्र महिलाओं के बैंक खाते में रुपए1 हजार प्रतिमाह की राशि जमा की जायेगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत रुपए 8 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। प्रसूति सहायता योजना में रुपए 400 करोड़, मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना में रुपए 929 करोड़, कन्या विवाह एवं निकाह योजना में 80 करोड़, लाड़ली बहना योजना में रुपए 8 हजार करोड़, विभिन्न सामाजिक पेशनों में रुपए 3 हजार 525 करोड़ को सम्मिलित करते हुये महिलाओं के लिये वर्ष 2023-24 में कुल रुपए1 लाख 2 हजार 976 करोड़ के प्रावधान प्रस्तावित हैं, जो कि वर्ष 2022-23 से लगभग 22 प्रतिशत अधिक है। नारी कल्याण के लिये बजट में प्रस्तावित उल्लेखनीय प्रावधान, हमारी सरकार की महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है। प्रत्येक युवा की अभिलाषा रहती है कि वह शिक्षित, प्रशिक्षित तथा रोजगारयुक्त रहे। हमारी सरकार युवाओं की इस अभिलाषा को पूरी करने में उनका पूरा साथ देती आ रही है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार के साथ ही वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप उनके कौशल विकास के प्रशिक्षण व्यवस्थायें भी जुटाई जा रही हैं। इससे हमारे युवा, शासकीय तथा निजी संस्थानों में रोजगार के साथ-साथ स्व-रोजगार भी स्थापित कर सकने के योग्य बन सकेंगे। प्रदेश के युवाओं से आह्वान है कि उम्मीदों को आसमान की ऊंचाईयों पर पहुंचा दें, हमारी सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुये हैं। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि युवाओं को उत्कृष्ट शिक्षा एवं संस्कार देकर संस्कारशील व स्वावलंबी ऐसे युवा तैयार करें, जिनके ह्रदय में उत्साह, साहस, शक्ति, धैर्य हो, जिनका दिल देश प्रेम से भरा हो, जो प्रदेश को श्रेष्ठतम स्थान पर ले जाने के लिए संकल्पित हों।हमारी सरकार शासकीय सेवा में एक लाख से अधिक नई नियुक्तियाँ देने का अभियान प्रारंभ किया है।
संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क भोपाल में प्रति वर्ष लगभग 6 हजार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस स्किल पार्क की सोच अनुसार ग्वालियर, जबलपुर, सागर एवं रीवा में भी स्किल सेंटर प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। हमारी सरकार का यह लक्ष्य है कि प्रदेश के युवाओं में इतना कौशल व क्षमता विकसित की जायें, जिससे वे प्रदेश के उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के समस्त जिलों में निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने हेतु 432 रोजगार मेलों का आयोजन किया। इन मेलों में 40 हजार 45 आवेदकों को ऑफर लेटर प्रदान किया गया। इस वर्ष मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुद्रा योजना एवं अन्य स्वरोजगार योजनाओं में 46 लाख 58 हजार से अधिक आवेदकों को बैंकों के माध्यम से रुपए 30 हजार 800 करोड़ से अधिक का ऋण स्वीकृत कराया गया है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु एवं महिलाओं के लिये रोजगार मूलक योजनाओं के लिये रुपए 252 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
हमारी सरकार की यह स्पष्ट नीति है कि युवाओं को शिक्षित, योग्य, कौशलयुक्त बनाया जाये, कि वे स्वयं अपनी आजीविका के साधन जुटा सकें। उद्योगों में प्रशिक्षित व अनुभवी मानव संसाधन की कमी है। इस कमी को दूर करने हेतु हमारी सरकार आवश्यकतानुसार धन राशि उपलब्ध कराने में न कभी पीछे रही है, न रहेगी। श्री देवडा ने अपने बजट भाषण में कहा कि मुझे यह अवगत कराते हुये हर्ष है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी की पहल पर मुख्यमंत्री कौशल एप्रेन्टिसशिप योजना प्रारंभ की जायेगी। इस योजना अंतर्गत रुपए 1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।यह कहावत, पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब अब बीती बात हो गई है। हिन्दुस्तान का दिल धड़का दो, के ऊर्जामय घोष के साथ 5 वें खेलों इण्डिया यूथ गेम्स, 2022 का भव्य व सफल आयोजन, प्रदेश के 8 शहरों में किया गया। सदन को अवगत कराते हुए गौरव व हर्ष हैं कि प्रदेश ने इन खेलों में अभूतपूर्व सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं तथा 39 स्वर्ण, 30 रजत एवं 27 कांस्य पदकों के साथ पदक तालिका में तृतीय स्थान रहा है। इस आयोजन से प्रदेश में खेलों के लोकव्यापीकरण एवं नई खेल संस्कृति के विकास को बढ़ावा मिला है। प्रदेश में खेलों के विकास के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों के फलस्वरूप ही प्रदेश की उपलब्धियाँ निरंतर प्रगति पर हैं।
भोपाल को स्पोर्ट्स हब तथा प्रदेश में स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ाने हेतु नाथू बरखेडा, भोपाल में अन्तर्राष्ट्रीय स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्टस साइंस सेन्टर की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में खेलों के विकास एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिये खेल विभाग के बजट को निरंतर बढ़ाया गया है। वर्ष 2023-24 में रुपए 738 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2022-23 की तुलना में ढाई गुना अधिक है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020, अध्ययन और अध्यापन के लिये वरदान है। विद्यालय, बच्चों में कौशल और संस्कारों के बीज बोकर उनके संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की नींव रखते हैं। प्रदेश में ऐसे सर्वसुविधा एवं साधनयुक्त 9 हजार 200 सी.एम. राईज स्कूलों को चरणबद्ध रीति से प्रारंभ किया जा रहा है। इन स्कूलों में प्री-स्कूल से 12वीं तक की शिक्षण की व्यवस्था एक ही परिसर में तथा 15 किलोमीटर की सीमा में रहने वाले विद्यार्थियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध रहेगी। इन स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ कौशल विकास एवं खेल-कूद भी पाठ्यक्रम में सम्मिलित रहेंगे। अत्याधुनिक प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेल अधोसंरचना आदि से युक्त ये बहुउद्देश्यीय स्कूल, शैक्षणिक परिणामों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा योग्य बनायेंगे।वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 370 सी.एम. राईज स्कूल प्रारंभ हो चुके हैं। इन स्कूलों में प्रतिवर्ष 1 लाख 35 हजार अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों लगभग 4 लाख विद्यार्थियों को उत्कृष्ट स्तर की शिक्षा प्राप्त होने का अवसर मिलेगा। सी.एम. राईज विद्यालयों के लिये रुपए3 हजार 230 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
भारत सरकार द्वारा नव घोषित पी.एम.श्री. योजना के अंतर्गत प्रदेश के चिन्हित कुल 730 विद्यालयों में मूलभूत सुविधायें व शिक्षा के स्तर में सुधार के कार्य, भारत सरकार के सहयोग से किये जायेंगे। इस योजना अंतर्गत रुपए 277 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विगत 2 वर्षों में 17 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति दी गई हैं।हजार शिक्षक संवर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया की जा रही है।स्कूल शिक्षा में व्यापक सुधार के किये गये विभिन्न कार्यक्रमों जैसे, शैक्षिक संवाद, आदर्श प्रश्नों का निर्माण, सतत अनुश्रवण तथा शिक्षकों को प्रोत्साहन के परिणामस्वरुप वर्ष 2021 के सर्वे में हमारा प्रदेश, देश के प्रथम 5 राज्यों में आ गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि छात्राओं को विद्यालयों तक पहुंचने में सुविधा बढ़ाने तथा निर्भरता कम करने, उच्च शिक्षा के लिये प्रोत्साहित करने, आत्मविश्वास जागृत करने हेतु नवीन योजना मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना प्रस्तावित है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को ई-स्कूटी प्रदाय की जायेगी।इसके साथ ही, उच्च शिक्षा के संस्थानों को भी श्रेष्ठ संसाधन उपलब्ध कराकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल अध्यापन एवं अध्ययन के स्तर तक पहुँचने योग्य बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 को सर्वप्रथम लागू कर 168 विषयों के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में मल्टीपल एंट्री-एक्जिट आधारित पाठ्यक्रमों को तैयार किया गया है।मैनें अपने विगत बजट भाषण में कहा था कि सिंगरौली में खनन प्रौद्योगिकी महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि इसकी स्वीकृति जारी हो चुकी है।प्रदेश के 06 इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं 06 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में हिन्दी माध्यम से भी तकनीकी पाठ्यक्रमों के अध्यापन की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश के 02 इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा 05 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना किये जाने का लक्ष्य हैं। संभागीय आई. टी. आई. में 32 प्रमुख ट्रेड में हर वर्ष लगभग 12 हजार प्रशिक्षाणर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। शिक्षा के लिये वर्ष 2023-24 में रुपए 38 हजार 375 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2022-23 से रुपए 5 हजार 532 करोड़ अधिक है।
समृद्ध किसान – समृद्ध मध्यप्रदेश की अवधारणा को साकार करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।प्रदेश के ऐसे किसान, जो सहकारी संस्था से लिये गये ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गये हैं एवं खाद और बीज की सुविधा से वंचित हो गये हैं, की बकाया राशि पर ब्याज का दायित्व हमारी सरकार द्वारा लिया जाना प्रस्तावित है। सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर कृषकों के ऋण पर ब्याज की राशि का दायित्व सरकार द्वारा वहन किया जाना प्रस्तावित है। इस व्यवस्था से सहकारी संस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्यों के लिये शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे। इस उद्देश्य हेतु वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कुल रुपए 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के लेखों एवं अन्य दस्तावेजों का कम्प्यूटरीकरण व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जिससे किसानों को पारदर्शी एवं आसान प्रक्रिया के माध्यम से कृषि ऋण प्राप्त हो सके। इस हेतु वर्ष 2023-24 के लिये रुपए 80 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के 1 हेक्टेयर तक भूमि धारकों व 5 हार्स पॉवर तक के विद्युत पंप उपयोग कर रहे लगभग 9 लाख 75 हजार किसानों को निःशुल्क विद्युत आपूर्ति, अटल कृषि ज्योति योजनान्तर्गत 10 हार्स पॉवर तक के 23 लाख 60 हजार किसानों तथा 10 हार्स पॉवर से अधिक के लगभग 55 हजार किसानों को ऊर्जा प्रभारों में सब्सिडी दी रही है। 5 हॉर्स पॉवर के कनेक्शन पर प्रत्येक किसान हेतु रुपए 54 हजार 650 की विद्युत खपत के विरुद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 हेक्टेयर तक भूमि धारक किसानों को निशुल्क एवं अटल कृषि ज्योति योजना के अन्तर्गत आने वाले कृषि उपभोक्ताओं से मात्र रुपए 3 हजार 750 लिया जाता है। इस प्रकार 10 हॉर्स पॉवर के कृषि उपभोक्ता से प्रत्येक किसान हेतु रुपए 1 लाख 15 हजार 505 की विद्युत खपत के विरूद्ध मात्र रुपए 7 हजार 500 की राशि ली जाती है।
इस हेतु वर्ष 2022-23 में लगभग रुपए13 हजार करोड़ का भुगतान प्रस्तावित है। प्रदेश के 80 लाख से अधिक किसानों को प्रति किसान प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत रुपए 6 हजार तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत रुपए 4 हजार, इस प्रकार कुल रुपए 10 हजार, की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत रुपए 3 हजार 200 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि, किसान अपनी उपज के विक्रय के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकें। हमारा प्रदेश, देश में एकमात्र राज्य है, जिसने फार्म गेट एप के माध्यम से किसानों को अपने घर, अपने खलिहान, गोदाम से अपनी कृषि उपज, अपने दाम पर विक्रय करने के लिये सक्षम बनाया है। इस सुविधा का उपयोग करते हुये वर्ष 2022 में 12 हजार 22 किसानों के द्वारा 50 लाख क्विंटल, कृषि उपज का विक्रय किया है। हमारी सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती के विस्तार एवं संवर्धन के लिए गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए गठित मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड के माध्यम से 72 हजार 967 किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती के लिए पंजीयन कराया गया है।बाजार की मांग पर आधारित फसलों के उत्पादन हेतु प्रेरित करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने वाली एवं आयात को प्रतिस्थापित करने वाली फसलें यथा; दालें, तिलहन, मसाले, औषधीय, सुगंधित तेल आदि की फसलों के विविधीकरण हेतु फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत लगभग 11 हजार एकड़ क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
श्री देवडा ने कहा कि सदन को यह अवगत कराते हुये मुझे गर्व है कि भारत सरकार की पहल पर, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है। भारत सरकार ने मिलेट्स (मोटे अनाज) को श्री अन्न की संज्ञा देकर इसकी महत्ता को प्रतिपादित किया है। इन उच्च पोषक मान के खाद्यान्नों को कोदो, कुटकी, रागी, सवां, ज्वार, बाजरा आदि फसलों की उत्पादकता में वृद्धि एवं मूल्य संवर्धन से किसानों की आर्थिक समृद्धि में सुधार होगा। हमारी सरकार ने मिलेट उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन प्रारंभ किया है।मुख्यमंत्री कृषक उपार्जन सहायता योजना अंतर्गत1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।हमारे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से अपनी कृषि की सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हेतु राशि रुपए 2 हजार करोड़ की व्यवस्था की जा रही है।ग्रामीण कृषक अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार देने में पशुपालन की महती भूमिका है। गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना लागू है। प्रदेश में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 627 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजनांतर्गत 3 हजार 346 गौशालाओं के निर्माण स्वीकृत हैं, जिसमें निर्माण पूर्ण कर 1 हजार 135 संचालित हो चुकी हैं। इन गौशालाओं के संचालन के लिये पर्याप्त धन राशि की व्यवस्था की गई है।विपक्ष की टोकाटाकी के बीच वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 58. विशेष पिछड़ी जनजातियों, विशेषकर बैगा, सहरिया एवं भारिया को मुख्यमंत्री दुधारू पशुप्रदाय कार्यक्रम के अन्तर्गत दो दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे। हितग्राही अंशदान को 10 प्रतिशत किया गया है।प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को निरन्तर बढ़ाया जा रहा है। कुल दुग्ध उत्पादन में, हमारा प्रदेश, देश में प्रथम तीन स्थान में आ चुका है। प्रतिव्यक्ति दुग्ध उपलब्धता में भी हमारे प्रदेश की औसत, राष्ट्रीय औसत से अधिक है।प्रदेश में पशुओं में लम्पी वायरस का संक्रमण फैलने पर हमारी सरकार द्वारा युद्धस्तर पर कार्यवाही करते हुये तत्परता से अभियान के रुप में 37 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण कराया गया। इस अभियान से इस रोग को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई।किसानों की आय में वृद्धि करने में उद्यानिकी का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है।
प्रदेश में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु 3 हजार 769 सूक्ष्म खाद्य उद्यम इकाई स्थापित की जाना है। जिसके विरुद्ध 1 हजार 150 इकाईयों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है तथा 350 इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं। फूलों की खेती करने वाले किसानों को अपनी फसल सुरक्षित रखने तथा विपणन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिये भोपाल में वेंटिलेटेड फ्लॉवर डोम की स्थापना प्रस्तावित है।प्रदेश में उपलब्ध 4 लाख 39 हजार हैक्टेयर जलक्षेत्र में से 4 लाख 36 हजार हैक्टेयर जलक्षेत्र मछलीपालन अन्तर्गत लाया जा चुका है। मछली उत्पादन के बेहतर प्रबंधन और उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी के लिए प्रदेश को विशेष श्रेणी में उत्कृष्ट पुरस्कार मिला है। कृषि एवं कृषि से संबंधित योजनाओं के लिए कुल रुपए 53 हजार 964 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से रुपए 804 करोड़ अधिक है। अधोसंरचना विस्तार, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का प्रमुख स्तंभ है। मुझे सदन को यह बताते हुये प्रसन्नता है, कि प्रदेश के इतिहास में वर्ष 2022-23 में हमने अब तक की सर्वाधिक ₹ 48 हजार 800 करोड़ पूंजीगत मद में प्रावधानित की है। वर्ष 2023-24 के लिए 56 हजार 256 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित हैं, जो कि गत वर्ष से लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय के सुपरिणाम भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं।
प्रदेश में सड़कों और पुलों का जाल बिछाने से न केवल यातायात सुगम हुआ है, बल्कि पर्यटन, रोजगार/स्वरोजगार, औद्योगिकरण आदि के माध्यम से अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा, नई गति, नई ताकत, नई दिशा मिली है। वित्तमंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2 हजार 450 किलोमीटर सड़क निर्माण, 2 हजार 56 किलोमीटर सड़क नवीनीकरण एवं 25 पुलों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। 3 हजार 124 किलोमीटर सड़कों के सुदृढ़ीकरण के कार्य को अभियान के रुप में लिया गया है। आगामी वर्षों में 7 हजार किलोमीटर की नवीन सड़कें, 12 हजार 389 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण एवं मजबूतीकरण तथा केन्द्रीय सड़क निधि से 625 किलोमीटर नवीन सड़क निर्माण प्रस्तावित हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के समस्त रेल्वे क्रॉसिंग को समाप्त करने की दिशा में 105 रेल्वे ओव्हर ब्रिज के साथ 334 पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित कुल 14 रोप-वे में से उज्जैन, ग्वालियर, पचमढ़ी तथा पातालकोट के रोप-वे निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। चम्बल नदी के समानान्तर 299 किलोमीटर का अटल प्रगति पथ, नर्मदा नदी के समानान्तर 900 किलोमीटर का नर्मदा प्रगति पथ एवं राजधानी से प्रदेश की पूर्वी सीमा के दूरस्थ जिले सिंगरोली को जोड़ने के 676 किलोमीटर के विंध्य एक्सप्रेस-वे के कार्य प्रस्तावित हैं। इन मार्गों के दोनों ओर औघोगिक कॉरीडोर विकसित किये जायेगें, जिससे रोजगार व स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध होगें। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत इस वर्ष 4 हजार किलो मीटर सड़क 197 पुल का निर्माण, 5 हजार किलो मीटर सड़क नवीनीकरण एवं 280 किलो मीटर सड़क उन्नयन का लक्ष्य है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 1 हजार 700 किलो मीटर सड़क एवं 300 पुलों के निर्माण, 5 हजार 500 किलो मीटर सड़क का पुनर्डामरीकरण एवं 250 किलो मीटर सड़क उन्नयन का लक्ष्य है।मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 8 हजार 942 ग्रामों को जोड़ने हेतु लगभग 20 हजार 92 किलोमीटर लंबाई की 8 हजार 714 सड़कों के निर्माण के प्रस्तावित कार्यों में से 8 हजार 458 ग्रामों को बारहमासी एकल सम्पर्कता से जोड़ने के लिए 8 हजार 294 सड़कें, लंबाई 19 हजार 138 किलोमीटर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग के रुपए15 हजार करोड़ के सड़क निर्माण के कार्य किये जा रहे हैं।सड़क एवं पुल के निर्माण एवं संधारण के लिये वर्ष 2023-24 में रुपए 10 हजार 182 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। हमारी सरकार ने 2003 में कार्यभार संभाला तब प्रदेश में सिंचाई क्षमता मात्र 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर की थी। हमारी सरकार के सतत व योजनाबद्ध प्रयास से प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर से अधिक का सिंचाई क्षेत्र निर्मित हो चुका है।
वर्ष 2025 तक आश्वासित सिंचाई क्षेत्रफल को बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर तक किया जायेगा। जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के अन्तर्गत 28 लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई क्षमता विकसित की जा रही है। नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण में मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ नर्मदा जल का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिये बांध एवं नहर परियोजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। प्राधिकरण की समस् परियोजनाएं पूर्ण होने पर लगभग 24 लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।44 हजार 600 करोड़ से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, बुंदेलखण्ड की जीवन रेखा सिद्ध होगी। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों क्रमश: पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, निवाडी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई तथा 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से कुल 103 मेगावाट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सोलर पावर का उत्पादन होगा।सतना एवं रीवा जिलों की लगभग 1 लाख 83 हजार हेक्टेयर भूमि में नर्मदा जल से सिंचाई के लिये बनाई जा रही बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद टनल के कार्य को 2023 तक पूर्ण करने हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कुल 11.95 कि.मी. टनल में से दिसम्बर, 2022 तक 8.94 कि.मी. टनल बनाई जा चुकी है, शेष कार्य निरंतर हैं।