वाहन पोर्टल पर विकल्प न होने से दूसरे राज्यों की गाड़ियों के ट्रांसफर अटके, बड़ी संख्या में आवेदक हो रहे परेशान

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में 1 जनवरी से परिवहन विभाग में वाहनों से जुड़े सभी काम केंद्र सरकार के वाहन पोर्टल पर होना शुरू हो गए हैं। नए सिस्टम को चलते हुए दो माह बीत चुके हैं, लेकिन अब भी कई कमियों को पूरा नहीं किया जा सका है। इसमें एक बड़ी कमी है, दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन ग्वालियर, भोपाल सहित प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों का ट्रांसफर किए जाने पर उन्हें प्रदेश के नंबर अलॉट ही नहीं हो रहे हैं, जिसके कारण सैकड़ों आवेदक परेशान हैं।
परिवहन विभाग के नियमानुसार अगर कोई वाहन एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचा जाता है तो वाहन खरीदने वाले वाहन मालिक को अपने राज्य में वाहन का ट्रांसफर करवाने के साथ ही प्रदेश के नंबर के साथ वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। उदाहरण के लिए भोपाल का कोई व्यक्ति राजस्थान के व्यक्ति की कार खरीदता है तो उसे कार को भोपाल में ट्रांसफर करवाना होगा। इस प्रक्रिया के दौरान उसे गाड़ी का नया नंबर भी मिलेगा, क्योंकि पहले गाड़ी पर राजस्थान का आरजे नंबर चढ़ा होगा और ट्रांसफर के बाद उस पर एमपी-04 की सीरिज में नंबर लेना होगा। यह सिस्टम सालों से चला आ रहा है, लेकिन वाहन पोर्टल पर अब तक इस सिस्टम को शुरू नहीं किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इसे लेकर एनआईसी के अधिकारियों से लगातार चर्चा की जा रही है। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों में यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस सिस्टम के शुरू ना होने के कारण जनवरी से अब तक भोपाल सहित प्रदेश में दूसरे राज्यों से लाई गई सैकड़ों गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है।