सरकारी वकीलों की नियुक्तियों के लिए विभागों में खींचतान, विधि प्रमुख सचिव ने लिखा पत्र-प्रभावशाली लोगों की अनुशंसा न भेजें अधिवक्ता

ग्वालियर । सरकारी वकीलों की नियुक्तियों के लिये विभिन्न विभागों में खींचतान मची हुई है और सीधे प्रमुख सचिव (विधि) को प्रस्ताव भेजे जा रहे है, विधि विभाग ने इस पर ऐतराज जताया है। इस बीच हाईकोर्ट में पदस्थ सरकारी वकीलों का कार्यकाल 17 फ़रवरी से एक माह के लिए बढ़ा दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखने के लिये कई वकीलों लामबंद है वे विभिन्न विभागों के मुखिया व प्रभावशाली लोगों के जरिये सीधे प्रमुख सचिव विधि को विवरण सहित चिठ्ठी पहुंचवा रहे है और अनुशंसा करवा रहे है ताकि उनकी नियुक्तियां हो सके जबकि नियुक्ति के लिये अलग से प्रक्रिया तय है जिसका वर्णन 11-8-2014 के सरक्युलर में है किंतु प्रक्रिया को दरकिनार कर ढ़ेरों अनुशंसाएं व प्रस्ताव प्रमुख सचिव, विधि के पास दस्तखत कराने हेतु पहुंच रही थी। प्रक्रिया का पालन नहीं होने से इन अनुशंसाओं/प्रस्तावों का परीक्षण नहीं हो पा रहा है। बहरहाल इसके चलते विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव बीके द्विवेदी ने एक पत्र जारी कर सभी सरकारी विभागों को कहा है कि वे प्रक्रिया का पालन करें और ताकीद दी है कि सीधे ऐसे प्रस्ताव नहीं भेजें।

इस बीच पिछले साल सरकार ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में उसकी ओर से पैरवी के लिये सरकारी वकीलों की नियुक्तियां की थी जिनका कार्यकाल 16 फरवरी को समाप्त हो रहा था। इसके चलते नई नियुक्ति पाने के लालयित कई वकील अपने-अपने स्तर पर लगे हुए थे लेकिन नई नियुक्तियों पर कोई सहमति नहीं बन पार्इं और सरकार ने फौरी तौर पर इंदौर के अलावा जबलपुर व ग्वालियर में वर्तमान में कार्यरत वकीलों का ही कार्यकाल एक माह के लिये बढ़ा दिया है।

इधर कार्यकाल बढऩे के बाद भी इन पद के कई दावेदार अपनी नियुक्तियों के लिये विभिन्न स्तर पर प्रयासरत है और जुगाड़ जमा रहे है ताकि भविष्य में उनका दावा पुख्ता हो सकें। अब संभवत: मार्च के दूसरे पखवाड़े में वकीलों की नई सूची जारी होगी।उल्लेखनीय है कि ग्वालियर उच्च न्यायालय में लंबे समय से सरकारी वकीलों की नियुक्तियों को लेकर राजनीति दिखाई दे दे रही है।यहाँ पर बड़ी संख्या में अधिवक्ता सरकारी वक़ील बनने के लिए लंबे समय से जुगाड़ बैठा रहे हैं।

हाल ही में सरकारी वकीलों का कार्यकाल एक माह और बढ़ाएं जाने के आदेश के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ग्वालियर में सनसनी बढ़  गई है।सूत्र बताते हैं कि जिन वकीलों की नियुक्ति एक माह बढ़ी है उसमें से अधिकतर अधिवक्ता भाजपा समर्थक हैं, इस कारण से दूसरे दल के अधिवक्ता उनकी शिकायत पत्र के ज़रिए विधि एवं विधायी विभाग को कर रहे हैं।

यह भी बताया जा रहा है कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपने समर्थकों को ज़्यादा से ज़्यादा सरकारी वक़ील की नियुक्तियां मध्य प्रदेश की सभी खंडपीठ में देना चाहते हैं।इसी खींचतान को लेकर सहमति नहीं बन सकी और सरकारी वकीलों का कार्यकाल एक माह के लिये बढ़ा दिया गया है।सरकारी वकीलों की नियुक्ति में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी बड़ा हाथ बताया जा रहा है, हालाँकि इसकी पुष्टि Byline24.com को नहीं हुई है।