मप्र: 4 माह में परिवहन विभाग वसूलेगा टारगेट के ढाई सौ करोड़ से ज़्यादा का राजस्व; टैक्स नहीं भरा तो गाड़ी होगी लॉक, नहीं कर पाएंगे बिक्री !

भोपाल/ग्वालियर । चालू वित्तीय वर्ष चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने में चार माह का समय शेष है। इस अवधि में परिवहन विभाग को तय टारगेट को पूरा करने के लिए करीब 250 करोड़ से ज्यादा का राजस्व वसूलना है। इसके लिए बड़े बकायादारों को चिन्हित कर वसूली का खाका तैयार किया जा रहा है। इसके लिए परिवहन मुख्यालय ने प्रदेशभर में अभियान चलने के निर्देश दिए। इसके तहत बड़े बकायदारों पर शिकंजा कसने का निर्णय भी लिया गया।
इसके लिए बड़े बकायादरों को चिन्हित करके पहले नोटिस दिया जाएगा उसके भी टैक्स जमा नहीं करने पर गाडिय़ां लॉक करने का भी फैसला किया गया ताकि संबंधित व्यक्ति न तो गाड़ी बेच सकेगा और न ही उसके लिए परमिट या फिटनेस जैसे आवश्यक दस्तावेज जारी हो सकेंगे। मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक इस अभियान पर सख्ती से अमल होता है तो भोपाल सहित प्रदेशभर में करोड़ों से ज्यादा की वसूली हो सकेगी।

बड़े बकायादारों की गाडिय़ों को लॉक की प्रक्रिया सेंट्रल सर्वर से होगी। जानकारों के मुताबिक बकायादारों के नाम और गाडिय़ों के नंबर को सर्वर पर डाला कर लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद सर्वर पर गाड़ी नंबर डालते ही सारी हकीकत सामने आ जाएगी। ऐसे में मोटर मालिक प्रदेश में कहीं भी न तो गाड़ी बेच सकेगा और न ही फिटनेस होगा और फिटनेस के लिए आवेदन कर सकेगा।

जानकारों का कहना है कि 1 अगस्त से वाहन पोर्टल पर वाहनों का रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया डीलर पॉइंट से शुरू की गई। तब से ही सर्वर दिक्कत दे रहा है। तीन माह से परिवहन विभाग में कामकाज पर असर भी हुआ है। वाहन रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर फाइनेंस परमिट के साथ ही लाइसेंस सहित तमाम कामकाज पर खासा असर हुआ। इसका असर राजस्व पर भी पड़ा है। विभाग राजस्व टारगेट में पिछड़ गया है। जानकारों का कहना है कि 1 अगस्त से वाहन पोर्टल पर वाहनों का रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया डीलर पॉइंट से शुरू की गई। तब से ही सर्वर दिक्क्त दे रहा है। तीन माह से परिवहन विभाग में कामकाज पर असर भी हुआ है। वाहन रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर फाइनेंस परमिट के साथ ही लाइसेंस सहित तमाम कामकाज पर खासा असर हुआ। इसका असर राजस्व पर भी पड़ा है। विभाग राजस्व टारगेट में पिछड़ गया है।