ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट के लिए अब नहीं लगेगा हर राज्य का अलग टैक्स; केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ला रहा नए नियम, जारी किया ड्राफ्ट नोटिफिकेशन

ग्वालियर । अब कमर्शियल यात्री वाहनों से देश में कहीं भी घूमने के लिए ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट लेना आसान होगा। इसके लिए शासन को एकमुश्त राशि चुकाकर पूरे साल देश में कहीं भी वाहन ले जाया जा सकेगा। पांच सीटर तक की कार के लिए यह राशि 20 हजार और बसों के लिए 3 लाख होगी। अभी किसी भी राज्य में जाने के लिए उस राज्य को हर बार साप्ताहिक टैक्स चुकाना पड़ता है, जिससे वाहन मालिकों को मुक्ति मिलेगी।
देश में ऑल इंडिया परमिट की व्यवस्था को आसान बनाने के लिए हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके मुताबिक किसी भी पर्यटक वाहन ऑपरेटर के कमर्शियल यात्री वाहन (पर्यटक वाहन) के लिए ही अब आल इंडिया टूरिस्ट परमिट जारी किया जाएगा। इसकी वैधता अवधि तीन माह से लेकर पांच साल तक के लिए होगी।

कारों को सिर्फ 6 हजार में मिल जाएगा परमिट
नए नियमों में पांच सीटर तक की कारों को 6 हजार रुपए चुकाकर तीन माह का ऑल इंडिया परमिट मिल जाएगा। सीटें बढऩे के साथ ही शुल्क बढ़ता जाएगा, वहीं अगर सालाना परमिट लेना चाहते हैं तो उसके लिए और ज्यादा राशि चुकाना होगी।

बताया जा रहा है कि नए नियमों से कई राज्य नाराज हैं, क्योंकि अभी वे ऐसे वाहन के प्रवेश पर साप्ताहिक टैक्स लेता है, जिसे राज्य खुद तय करते हैं। लेकिन केंद्र सरकार अपने पास आने वाले टैक्स को एक फार्मूले के तहत राज्यों को देगी, जिससे राज्यों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इसे लेकर केरल और तमिलनाड़ु सहित कुछ राज्य विरोध में भी हैं और ऐसे वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की बात तक कर रहे हैं।

अभी प्रदेश में रजिस्टर्ड ऐसे आल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाहन, जिनकी क्षमता 13 या ज्यादा सीटों की है, को 700 रुपए प्रति सीट प्रतिमाह टैक्स स्पेयर टैक्स के रूप में चुकाना होता है। वहीं इससे कम के वाहनों को लाइफ टाइम टैक्स चुकाना होता है। वहीं किसी अन्य राज्य में रजिस्टर्ड 13 सीटर तक के वाहन के प्रदेश में प्रवेश करने पर उसे 50 रुपए प्रति सीट प्रतिदिन की दर से टैक्स देना होता है। वहीं 13 सीटर से ज्यादा के वाहनों को 200 रुपए टैक्स लगता है।
रजिस्ट्रेशन से 12 साल तक ही जारी होगा परमिट
मंत्रालय द्वारा जारी मसौदे में कहा गया है कि किसी भी वाहन की रजिस्ट्रेशन की तारीख से 12 साल की अवधि तक के लिए ही यह परमिट दिया जा सकेगा। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में डीजल वाहनों को रजिस्ट्रेशन से 10 साल के बाद परमिट जारी नहीं किया जाएगा। हर राज्य की अपनी अलग दर है, लेकिन नई व्यवस्था में वाहन संचालकों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन जो वाहन कम समय के लिए दूसरे राज्य में जा रहे हैं, उन्हें नया टैक्स ज्यादा लगेगा।

हर वाहन के लिए परमिट की राशि अलग
वाहन सालाना त्रैमासिक परमिट
पांच सीटर कार 20,000 6,000
पांच से नौ सीटर कार 30,000 9,000
10 से 22 सीटर वाहन 80,000 24,000
23 सीटर की बसें 3,00,000 1,00,000
( जानकारी परिवहन मंत्रालय के मुताबिक)