मप्र: शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी, भोपाल-ग्वालियर, इंदौर समेत 17 ज़िलों के शिक्षकों का नहीं होगा ट्रांसफर

भोपाल। प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। स्थानांतरण के लिए शिक्षक सात अक्टूबर तक आवेदन कर सकेंगे, लेकिन दो दिन से पोर्टल बंद होने से आवेदन नहीं हो रहे हैं। इससे शिक्षक परेशान हो रहे हैं। स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए 30 सितंबर से शिक्षा पोर्टल खोला गया है। इस बार प्रदेश के 19 जिलों में शिक्षक स्थानांतरण लेकर नहीं आ सकेंगे। इन जिलों को पोर्टल पर लाक कर दिया गया है। इस कारण इन जिलों में आने के लिए कोई भी आवेदन नहीं कर सकेगा। इन जिलों से दूसरे जिलों में स्थानांतरण लेकर जा सकते हैं। इसका कारण यह है कि इन जिलों में अतिशेष शिक्षकों की संख्या अधिक है। इसमें बड़े शहरों का नाम शामिल हैं। हालांकि यह व्यवस्था प्रायमरी शिक्षकों के लिए ही लागू है। माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक किसी भी जिले में स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। दो दिन में पोर्टल पर करीब 3800 से अधिक आवेदन आए हैं। बता दें कि तीन साल पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने स्वैच्छिक आनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया अपनाई थी। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षक शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में स्थानांतरण लेकर आ गए। अब ऐसे में शहरी क्षेत्रों में 300 से 400 अतिशेष शिक्षकों की संख्या बढ़ गई। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, आगर मालवा, बालाघाट, बैतूल, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, धार, खरगोन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, नीमच, राजगढ़, रतलाम, रीवा, सीहोर, सिवनी, शाजापुर में शिक्षक स्थानांतरण के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। हालांकि जिले के अंदर स्थानांतरण लिया जा सकता है। वहीं अभी तक अतिशेष शिक्षकों और सीएम राइज स्कूलों के पुराने शिक्षकों को पदस्थापना नहीं मिली है। इस कारण भी पोर्टल पर रिक्त पद प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति में इस बात का भी उल्लेख है कि पहली प्राथमिकता उन शिक्षकों को दी जाएगी, जिनके स्कूल का सौ प्रतिशत परिणाम आया हो। ऐसे स्कूलों के शिक्षकों को मनपसंद स्कूल में पदस्थापना का मौका मिलेगा। साथ ही राष्ट्रपति व राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को भी स्थानांतरण के लिए पहले मौका दिया जाएगा। साथ ही विषयवार के लिए एक से अधिक आवेदन होने पर अतिशेष शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस बारे में लोकशिक्षण संचालनालय के संचालक केके द्विवेदी का कहन है कि हर जिले में अतिशेष प्रायमरी शिक्षकों की संख्या अधिक है। ऐसे में कुछ अतिशेष जिलों को लाक किया गया है, ताकि उन जिलों में आने के लिए कोई आवेदन नहीं ना कर सके।