रेलवे मंत्रालय किराए में कुछ रियायतों को फिर से कर सकता है बहाल,वरिष्ठ नागरिकों और खिलाड़ियों को मिल सकती है राहत

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अपने मुसाफिरों रेल किराए छूट की सौगात दे सकता है। रेल मंत्रालय कुछ रियायतों को फिर से बहाल कर सकता है। मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों और खिलाड़ियों सहित विभिन्न श्रेणी के यात्रियों के लिए रेल किराए में कुछ रियायतों को बहाल करने पर विचार कर रहा है। ये रियायतें कोविड-19 महामारी के दौरान बंद कर दी गई थीं। सूत्रों ने कहा कि रेलवे इस फैसले पर दोबारा विचार कर रही है, क्योंकि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के भी सामाजिक दायित्व हैं। इससे पहले रेल मंत्रालय ने संसद में एक लिखित जवाब में कहा था कि रियायतों के चलते उस पर भारी बोझ पड़ता है। इस कारण उसका इन रियायतों को वापस बहाल करने का कोई इरादा नहीं है। रेलवे के इस फैसले की काफी आलोचना हुई है।
अब रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या किराए में कुछ रियायतें फिर से शुरू की जा सकती हैं। रेल यात्रा के संबंध में अब पूरी तरह से सामान्य स्थिति आ गई है।” रियायतों को फिर से शुरू नहीं करने के सरकार के अब तक के रुख की काफी आलोचना हुई है। यहां तक कि भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी वरिष्ठ नागरिकों को टिकटों पर दी जाने वाली रियायत खत्म करने के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा कि जब सांसदों को रेल किराए पर सब्सिडी मिल रही है, तो इस राहत को ‘बोझ’ के रूप में क्यों देखा जाता है।
हाल ही में रेल मंत्रालय ने संसद को एक लिखित जवाब में कहा था कि रियायतों के चलते उस पर भारी बोझ पड़ता है। मंत्रालय ने कहा था कि उसकी रेल किराए में छूट को बहाल करने की कोई योजना नहीं है। मंत्रालय ने बताया कि केवल स्पेशल कैटगरी वाले लोगों को किराए में छूट की सुविधा दोबारा शुरू की गई है। इनमें चार श्रेणी के दिव्यांग, 11 कैटगरी के मरीज और और छात्र शामिल हैं। सीनियर सिटीजंस और खिलाड़ियों के साथ-साथ बाकी कैटगरी के यात्रियों के लिए यह सुविधा बहाल नहीं की गई है। कोरोना काल से पहले सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट पर 50 फीसदी तक छूट मिलती थी। लेकिन कोरोना काल में इस सुविधा को बंद कर दिया गया। कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद जब रेल सेवा को फिर से शुरू किया गया तो बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को बहाल नहीं किया गया।