आपराधिक मामलों में आरोपियों को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग, याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने यह याचिका सितंबर 2020 में दाखिल की थी। लेकिन, इसे एक बार भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया था। अब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले उपाध्याय ने एक और याचिका दायर कर इस पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 की एक जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई है। इस याचिका में उन लोगों को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया गया है जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों में मुकदमे दर्ज हैं। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने शनिवार को याचिकाकर्ता अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय से कहा कि पीठ उनकी जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए याचिका पर विचार करेगी। सितंबर 2020 में दाखिल इस याचिका को अब तक एक बार भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर इस जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की थी। इन पांचों राज्यों में 10 फरवरी से सात मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान संपन्न होगा। पांचों राज्यों में मतगणना 10 मार्च को की जाएगी। उपाध्याय ने हाल ही में एक अन्य याचिका में चुनाव से पहले उपहार देने या इसका वादा करने वाले राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने या चुनाव चिह्न जब्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है।

कानून आयोग की सिफारिशों के बाद भी नहीं उठाए गए कदम
उनकी 2020 की याचिका में आपराधिक मामलों का सामना कर रहे नेताओं के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने के साथ केंद्र और भारतीय निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है कि ऐसे प्रत्याशियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। याचिका में दावा किया गया है कि कानून आयोग की सिफारिशों और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के निर्देशों के बाद भी केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है। याचिका के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतने वाले 539 प्रत्याशियों में से 233 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की थी।