धर्मांतरण के आरोप में मणिपुरी पादरी से मारपीट, ‘जय श्री राम’ बोलने को मजबूर किया

मणिपुर के एक ईसाई पादरी को क्रिसमस पर जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में कुछ अज्ञात दक्षिणपंथी समर्थकों ने ‘जय श्री राम’ न कहने पर पीट दिया. घटना का एक वीडियो बीते गुरुवार (30 दिसंबर) को वायरल हो गया, जिसके बाद समुदाय में आक्रोश फैल गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो में यह देखा जा सकता है कि दो लोग पादरी पर दबाव डाल रहे हैं कि वह ‘जय श्री राम’ बोलें. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाई कि वे धर्मांतरण कराने में लगे हुए थे, जिसे पुलिस और पीड़ित दोनों ही ने खारिज कर दिया है.

उन्होंने कहा, ‘तुम कहां से हो? तुम्हें यहां कौन लाया है?’

पुजारी चुंगलेनलाल सिंगसित ने द वायर  से कहा, ‘घटना क्रिसमस पर दोपहर तीन बजे के आसपास हुई. मैं कठुआ में एक व्यक्ति के घर प्रार्थना करने गया था. मैं घर लौट आया और अपने तीन बच्चों के लिए कुछ तोहफे खरीदने के लिए बाजार गया. तभी दो लोगों ने मुझे रोका और मुझ पर उस परिवार का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाने लगे, जहां मैं उस दिन गया था. उन्होंने मुझे ‘जय श्री राम’ कहने के लिए मजबूर किया था.’

 

चुंगलेनलाल, जो कुकी जनजाति से हैं और मणिपुर के कांगपोकपी जिले के मूल निवासी हैं, ने कहा, ‘कुछ समय बाद उन्होंने किसी को फोन किया और एक और व्यक्ति उनके साथ जुड़ गया. तब तक 100 लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी, जिनमें से कुछ ने धर्म परिवर्तन के लिए मुझे पीटने की धमकी दी, जबकि तीन लोगों ने मुझे कई बार थप्पड़ मारे.’

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने स्थानीय पुलिस को भी बुलाया और मुझ पर इलाके में धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया.’

पादरी ने आगे कहा, ‘जब मैंने पुलिस को बताया कि वास्तव में क्या हुआ था और किसी भी तरह के धर्मांतरण से इनकार किया, इसके बावजूद पुलिस ने मुझे उठा लिया, मुझे 24 घंटे से अधिक समय तक लॉकअप में रखा, मुझे गालियां दीं और मुझे हिरासत में भी पीटा. कठुआ के एसएसपी ने कहा कि अगर मैं पांच दिनों के भीतर मणिपुर के लिए नहीं निकला तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’

चुंगलेनलाल ने कहा कि वह पिछले तीन साल से कठुआ में रह रहे हैं और फ्रेंड्स ऑफ मिशनरी प्रेयर बैंड नाम के एक ईसाई संगठन में पुजारी के तौर पर काम करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मुझे 24 घंटे के बाद रिहा कर दिया गया क्योंकि मेरे संगठन के सदस्यों ने पूछा कि क्या मुझे गिरफ्तार किया गया है और मेरी जमानत लेने के लिए एफआईआर की प्रति मांगी गई थी.

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