चित्रकूट बैठक: आरएसएस संगठन मंत्रियों की लग्जरी लाइफ स्टाइल से नाराज, बिना गाड़ी के चलते नहीं है, सितारा होटलों में रुकते हैं और आईफोन रखते हैं

चित्रकूट बैठक  में संघ के सामने खुली कई संगठन मंत्रियों  की पोल
मप्र सहित कई राज्यों के संगठन मंत्रियों के दायित्व में होगा फेरबदल

भोपाल: सादा जीवन उच्च विचार की परिपाटी पर काम करने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठन मंत्रियों की लग्जरी लाइफ स्टाइल से नाराज है। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चित्रकूट में हुई बैठक में संगठन मंत्रियों की काफी शिकायतें पहुंची। सूत्रों का कहना है कि  संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है क्योंकि कई संगठन मंत्री सुविधाभोगी बनकर रह गए हैं। इससे भाजपा और संघ दोनों की साख पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में संगठन मंत्रियों के दायित्व में बदलाव किया जा सकता है। संघ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरएसएस की चित्रकूट में आयोजित अखिल भारतीय बैठक के आखिरी दिन सबसे ज्यादा शिकायतें भाजपा के संगठन मंत्रियों की आई। इस बैठक में विभिन्न प्रदेशों के साथ ही मप्र भाजपा के संगठन मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में संगठन मंत्रियों की लग्जरी लाइफस्टाइल आचार व्यवहार और बातचीत के तरीके पर एतराज जताया गया। संघ ने इसे गंभीरता से लिया है और बहुत जल्द संगठन मंत्रियों में बड़े स्तर पर फेरबदल किया जा सकता है।

दरअसल, संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाने और जनसेवा में सहयोगी की भूमिका निभाने के लिए स्वयंसेवकों को संगठन मंत्री बनाकर भाजपा में भेजा जाता है। लेकिन भाजपा से जुड़ने के साथ ही वे सत्ता सुख के आदी बन जाते हैं। चित्रकूट बैठक में इसकी शिकायतें पहुंचने के बाद संघ ने कड़ा रूख दिखाया है। बैठक में संघ के प्रांत प्रचारकों ने दो टूक कहा कि जब तक यह लोग संघ में रहते हैं, ठीक रहते हैं उनका आचार व्यवहार संघ की परिपाटी के अनुसार रहता है लेकिन संघ से जाते ही वे फाइव स्टार जीवनशैली अपना लेते हैं। बिना गाड़ी के चलते नहीं है। सितारा होटलों में रुकते हैं। हमारे यहां संघ के कार्यालय में रुकने की परंपरा है जबकि संगठन मंत्री होटलों या सर्किट हाउस में रुकते हैं। कई संगठन मंत्रियों पर गंभीर आरोप भी लगे हैं।

संघ की प्रांत प्रचारक बैठक में कोरोना की दूसरी लहर से उत्पन्न परिस्थितियों की व्यापक रूप से चर्चा हुई तथा प्रांतों में हुए सेवा कार्यों की समीक्षा की गई। स्वयं सेवकों द्वारा संचालित वैक्सीन टीकाकरण के लिए सुविधा केंद्र व प्रोत्साहन के अभियानों की भी समीक्षा की गयी। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रांत प्रचारकों से यह जानने की भी कोशिश की गई की दूसरी लहर में केन्द्र सरकार के कामकाज को लेकर जनमानस की क्या प्रतिक्रिया है। इसको लेकर कयास है कि संघ यह जानना चाह रहा है कि लोगों की सोच केन्द्र सरकार को लेकर क्या है ताकि आगे इसे सुधारने की रणनीति तय की जा सके।

कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पूरे देश में शासन-प्रशासन का सहयोग करने एवं संभावित पीड़ितों की सहायता के लिए विशेष कार्यकर्ता प्रशिक्षण का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया है। ऐसी परिस्थिति में समाज का मनोबल बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी जानकारी उचित समय पर लोगों तक पहुंचाने यह प्रशिक्षित कार्यकर्ता लगभग 2.5 लाख स्थानों तक पहुंचेंगे। इस संबंध में कहा जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में कोरोना पीड़ितों तक सरकारी सिस्टम नहीं पहुंच पा रहा उन्हें चिन्हित कर संघ कार्यकर्ता आवश्यक मदद पहुंचाएंगे और अपना संवाद स्थापित करेंगे।

सूत्रों का कहना है कि मप्र सहित कई राज्यों के कुछ संगठन मंत्रियों की शिकायतें संघ के पास लगातार पहंच रही थी। चित्रकूट की बैठक में संघ ने एक-एक शिकायत पर चर्चा की। संघ ने प्रांत प्रचारकों की ओर से की गई शिकायतों को गंभीरता से लिया है। जल्द ही देश के अन्य राज्यों के साथ ही मप्र के संगठन मंत्रियों में बड़े स्तर पर फेरबदल किया जा सकता है। मप्र को संगठन मंत्री के रूप में नए चेहरे मिल सकते हैं। बैठक में 45 प्रांतों के प्रांत प्रचारक और प्रचारक मौजूद थे।

वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे है। इसको लेकर संघ की बैठक में वृहद मंथन किया गया। इस पर यह निर्णय लिया गया है कि हर गांव हर मंडल तक इकाई शाखा को मजबूत किया जाए। नीचे तक संघ की पकड़ और पहुंच ज्यादा से ज्यादा होने को लेकर लंबी चौड़ी योजना तैयार किये जाने पर वृहद विमर्श किया गया है। इस मामले पर स्वयं संघ प्रमुख और राष्ट्रीय टोली गंभीरता से काम कर रही है।

जनजागरण अभियान में हर गांव व हर बस्ती में स्वयं सेवी लोगों और संस्थाओं को जोड़ा जाएगा। माना जा रहा है कि इसके जरिये संघ हर घर में अपनी दस्तक देते हुए अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करेगा। इसके साथ ही प्रशिक्षण में कोरोना से बचाव के लिए बच्चों व माताओं के लिए विशेष रूप से आवश्यक सावधानियां व उपायों को शामिल किया गया है।

यह जानकारी भी सामने आई है कि संघ जमीनी स्तर पर अपनी पहुंच बढ़ाने के साथ साइबर स्पेस में भी प्रभावी भूमिका में आना चाह रहा है। कई प्रांत प्रचारकों ने इस संबंध में सुझाव भी दिए हैं। जिसको लेकर अब संघ के कार्यकर्ताओ को सोशल मीडिया में भी सक्रिय करने पर विचार किया जा रहा है। लिहाजा आगामी समय में भाजपा की आईटी विंग की तरह संघ की डिजिटल टोली देखने को मिले तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।

 

( साभार)

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