
गोशाला में हुई अनोखी शादी
ग्वालियर। लालटीपारा स्थित गोशाला में एक अनोखी शादी हुई। यहां छतरपुर की अंजली और ग्वालियर के अंशुमन ने डेस्टिनेशन वेडिंग की है। मेहमानों के बैठने के लिए घास के सोफे बनाए गए। पूरे प्रांगण की गोबर से लिपाई-पुताई की गई। मंडप भी प्राचीन संस्कृति के आधार पर तैयार किया गया। बैलगाड़ी में बारात आई। मंडप में वैदिक ब्राह्मणों ने विवाह संपन्न कराया।
दूल्हे अंशुमन का कहना है कि विवाह एक यज्ञ है। ऐसे में हमने गोमाता के स्थान पर विवाह किया है। हमारे विवाह में अब अग्नि के साथ गौमाता भी साक्षी बनी है। वधू अंजलि ने बताया कि मुझे गौशाला अच्छी लगी इसलिए मैंने शादी के लिए हां कहा है।
गोशाला के संत ऋषभ देवानंद महाराज बताया कि आज के दौर में लोग महंगे शहरों, होटल और विदेश को मैरिज डेस्टिनेशन के तौर पर चुनते हैं। जहां लाखों रुपए का फिजूलखर्ची होती है। लेकिन ग्वालियर की गोशाला में शांति, सादगी और संस्कृति के तहत विवाह की शुरुआत हुई है। यह देश का पहला ऐसा स्थान बन गया है जहां वैदिक डेस्टिनेशन वेडिंग सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन अब आगे भी होता रहेगा।
शादी में शामिल होने के लिए आए मेहमानों के खाने के लिए वैदिक तरीके से भोजन बनाया गया था। आदर्श गोशाला की गायों के लिए वर-वधु की तरफ से चारे के रूप में टमाटर, गोभी, पत्ता गोभी गाजर, और घास की पांच ट्रॉली दान की गई है।
आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि आईजी अरविंद सक्सेना शामिल हुए। कहा कि आज का यह कार्यक्रम लोगों को अपनी संस्कृति से जोडऩे वाला कार्यक्रम है। गोमाता के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त कानून भी बनाए हैं जिसके तहत उनका विभाग भी काम करता है। ऐसे आयोजन लोगों को आपस में जोडऩे का भी काम करते हैं।