प्राधिकरण, निगम मंडलों में नियुक्तियों के साथ CM मोहन यादव मंत्रिमंडल में भी होगा परिवर्तन

भोपाल। मोहन सरकार के गठन को तो एक साल का समय पिछले ही दिनों पूरा हुआ है और अब सत्ता में भागीदारी को लेकर तमाम भाजपा के नेता-कार्यकर्ता कतार में खड़े हैं। दरअसल, लम्बे समय से निगम, मंडल, प्राधिकरणों की नियुक्तियां अटकी हुई है। पहले विधानसभा चुनाव, फिर लोकसभा और फिर संगठनात्मक प्रक्रियाओं के चलते ये नियुक्तियां टाली जाती रही। मगर सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ-साथ इन राजनीतिक नियुक्तियों की मंजूरी भी वरिष्ठ नेताओं से प्राप्त कर ली है और अभी नगर, जिला तथा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है, जो 15 जनवरी तक पूरी हो जाएगी और उसके बाद फिर फरवरी में राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो सकता है और इसी के साथ मंत्रिमंडल में भी कुछ विभागों के परिवर्तन के साथ कुछ नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का एक साल सफल रहा, जिसमें उनके कई प्रयोगों ने शासन-प्रशासन को मजबूती दी, तो साथ ही विकास कार्यों को भी गति मिली है। रीजनल इन्वेस्टमेंट समिट के भी परिणाम अच्छे निकले और अब फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का बड़ा आयोजन भी होने जा रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी सहमति दे दी है। सत्ता और संगठन के बीच तालमेल भी फिलहाल बेहतर है। हालांकि कुछ वरिष्ठ मंत्रियों और पदाधिकारियों से लेकर सांसद, विधायकों और अन्य की नाराजगी भी गाहे-बगाहे सामने आती रही है। मगर चूंकि भाजपा में संगठन अत्यंत मजबूत और ताकतवर है, जिसके चलते अनुशासन कायम रहता है। सदस्यता अभियान सहित पार्टी की तमाम गतिविधियों के बीच अब संगठन चुनाव की प्रक्रियालगभग अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। बूथ, मंडल के चुनाव के पश्चात अब जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष की रायशुमारी का काम भी पूरा हो चुका है। वहीं प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष भी मिलना है। इस दौड़ में भी कई दिग्गज शामिल है। अब यह तो दिल्ली दरबार से ही तय होगा कि प्रदेश भाजपा की कमान किसके हाथ में सौंपी जाए।
कुछ मंत्रियों की होगी छुट्टी
दूसरी तरफ सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली दरबार को इस बात के लिए भी राजी कर लिया है कि वे कुछ मंत्रियों की छुट्टी करें और कुछ के विभागों में परिवर्तन किया जाए। दरअसल, पूरा एक साल बीत गया है, जिसमें कुछ मंत्रियों की कार्यशैली तो अच्छी रही, मगर कुछ उम्मीद के मुताबिक अपनी योग्यता साबित नहीं कर पाए हैं, जिसके चलते मंत्रिमंडल में फेरबदल भी संभावित है और कुछ नए मंत्रियों को भी शामिल किया जा सकता है, तो दूसरी तरफ कुछ विभाग भी बदले जा सकते हैं। संभवत: फरवरी तक निगम, मंडल, प्राधिकरणों के साथ-साथ मंत्रिमंडल के फेरबदल की प्रक्रिया भी पूरी हो होगी.