ग्वालियर में सौरभ शर्मा के पैतृक घर पर ईडी का छापा,सीआरपीएफ बल मौजूद

ग्वालियर। लोकायुक्त के शिकंजे में फंसे परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा की काली कमाई की जांच-पड़ताल जारी है। इसी के चलते शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने सौरभ के विनय नगर में स्थित पैतृक घर पर भी छापा मारा।
शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने सौरभ के विनयनगर सेक्टर-2 में बने 47 नंबर के आलीशान पैतृक घर छापा मारा है। इस दौरान ईडी के साथ सीआरपीएफ बल भी मौजूद था। पैतृक घर पर लगे ताले को तोडक़र जांच टीम ने अंदर प्रवेश किया और उसकी काली कमाई के दस्तावेज खंगालना शुरू कर दिए हैं।
विनय नगर में ईसी और सीआरपीएफ बल जैसे ही सुबह गाडिय़ों में भरकर पहुंचा तो आस-पास के लोग चौंक गए। जैसे ही उन्हें ईडी की टीम का पता चला तो मौके से लोग खिसक लगे।
जानकारी के अनुसार ईसी द्वारा पैतृक घर में सर्चिग के दौरान सौरभ शमां की अवैध कमाई के सबूत जुटाए जा रहे हैं, वहीं पड़ोसियों से भी सौरभ की सम्पत्ति से संबंधित जानकारी हासिल की जा रही है। हालांकि कार्रवाई करने वाली टीम पूरी तरह से गोपनीयता बरत रही है, जिससे फिलहाल यह पता नहीं लग सका है, कि सौरभ के इस घर से क्या क्या मिला है, लेकिन माना जा रहा है कि यहां से कई अहम क्लू टीम के हाथ लग सकते हैं, जो आगामी कार्रवाई में काम आएंगे।
बता दें कि विगत दिनों लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के कई ठिकानों पर छापेमारी करते हुए करोड़ों रुपए की काली कमाई पकड़ी थी। आयकर की टीम ने भोपाल में मेडोरी के जंगल में स्थित फार्म हाउस पर खड़ी लग्जरी कार से 54 किली गोल्ड व करीब 10 करोड़ रुपए कैश जब्त किया। यह भी सौरभ का ही बताया गया है। इस कार्रवाई से पहले सौरभ दुबई भाग गया था। वहीं उसकी पूरी फैमिली और करीबी दोस्त भी अंडरग्राउंड हो गए। तभी से सौरभ की विनयनगर स्थित पैतृक घर पर ताला पड़ा था। बताया गया है कि धनकुबेर सिपाही की पैतृक घर पर ईडी की रेड की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई न ही उन्हें मौके पर बुलाया गया है।
सौरभ शर्मा चूंकि ग्वालियर का ही रहने वाला है, जिससे उसके यहां पर कई लोगों से प्रगाढ़ संबंध रहे हैं। वहीं सौरभ की पत्नी दिव्या तिवारी भी ग्वालियर में ही सिटी सेंटर में टीडीआर नाम से वलब एंड लाउंज संचालित करती थी। जिसमें शहर के कई प्रतिष्ठित लोगों का आना जाना था। वहीं ईडी की टीम द्वारा ग्वालियर में दस्तक दिए जाने से सौरभ से जुड़े खास लोग भी दहशत में आ गए हैं।
सौरभ शर्मा को 2016 में अनुकंपा के आधार पर परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी अनुकंपा नियुक्ति पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जब विवाद बढ़ा और शिकायतें बढऩे लगी तो सौरभ शर्मा ने 2023 में खुद से नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वे रियल एस्टेट के कारोबार में लग गए। 19-20 दिसंबर की दरमियानी रात लोकायुक्त ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें करोड़ों रुपए की संपत्ति और नकदी मिली। शर्मा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। सौरभ शर्मा की तलाश में भी पुलिस व ईडी की टीम लगी हैं।