
कांग्रेस नेता माहौर के सुसाइड नोट में जमीन डील और षड्यंत्र का आरोप, पुलिस जांच में जुटी
ग्वालियर। शहर जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अमर सिंह माहौर की मौत के दो हफ्ते बाद पुलिस को उनका सुसाइड नोट मिला है। अमर सिंह की बेटी ने थाने पहुंचकर उनके हाथ से लिखा हुआ चार पन्नों का सुसाइड नोट सौंपा। इस नोट में अमर सिंह ने अपनी खुदकुशी के लिए संदीप सिंह चौहान पुत्र चंद्रभान सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराया है।
सुसाइड नोट में अमर सिंह ने 20 फरवरी 2023 को किए गए एक दस्तावेज की भी चर्चा की, जिसे संदीप सिंह चौहान ने नोटरी अटेस्ट कराया था। उनका कहना है कि यह धोखा और कपट था, जिसे संदीप और एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर किया। अमर सिंह ने सुसाइड नोट में दोनों के खिलाफ पुलिस जांच की मांग की है।
इसके अतिरिक्त अमर सिंह ने ग्वालियर में पदस्थ जेएमएफसी की अमन सुलिया द्वारा पारित आदेश की भी जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि 18 जनवरी 2024 को ग्वालियर से प्रकाशित एक अखबार में उनकी जानकारी के बिना और बिना उनकी सहमति के उनका नाम प्रकाशित किया गया था। अमर सिंह ने इसे कानूनी प्रताडऩा और न्यायिक क्षेत्र में हुए अत्याचार का उदाहरण बताया है।
अध्यक्ष अमर सिंह माहौर ने अपनी मौत से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी खुदकुशी के लिए संदीप सिंह चौहान और कुछ अन्य लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट के अनुसार अमर सिंह ने जमीन डील और नोटरी कार्य से जुड़े षड्यंत्र का उल्लेख किया है, जिसमें उन्हें शिकार बनाया गया। अमर सिंह ने कहा कि धारा सिंह लोधी और संदीप सिंह चौहान के बीच जमीन की डील और लेन-देन से उनका कोई व्यक्तिगत या आर्थिक लाभ नहीं था। उन्होंने इसे एक षड्यंत्र बताया और कहा कि वह इसमें फंस गए थे। अमर सिंह ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत शत्रुता किसी से नहीं है और उन्होंने अपनी मृत्यु को इस संकट से उबारने का एकमात्र तरीका मान लिया।
उन्होंने अपनी बेटी को भी सख्त हिदायत दी कि वह कभी नोटरी कार्य न करें और अपनी व्यक्तिगत शत्रुता और पारिवारिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी। अमर सिंह ने अपनी मृत्यु को परिवार से दूर होने के रूप में देखा और लिखा कि उनके बाद उनकी बेटी और दामाद के लिए अच्छे लोग मदद करेंगे।