अटल जी की जनशताब्दी वर्ष पर उनके व्यक्तित्व और कृतत्वों को नमन-मौर्य

ग्वालियर। मप्र अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रांताध्यक्ष चौ. मुकेश मौर्य की अध्यक्षता में सुशासन के जनक, भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की जन्मशताब्दी वर्ष पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय अटल जी का राष्ट्र निर्माण में योगदान रखा गया।
इस अवसर पर अजाक्स के उप-प्रांतीय कार्यालय थाटीपुर पर आए हुए वक्ताओं ने सर्वप्रथम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए पूर्ण श्रद्धाभाव से श्रद्धांजलि अर्पित की।
सगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे चौ. मुकेश मौर्य ने अटल बिहारी वाजपेयी की उन पंक्तियों पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किए जिसमे अटल ने कहा था। हार नहीं मानूँगा, रार नही ठानूँगा, काल के कपाल पे, लिखता हूँ मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ। अटल जी की यह अद्वितीय पंक्तियाँ हम लोगो के हृदय को जोश,उत्साह और ऊर्जा से भर देती है।
अटल जी की 100वीं जयंती भारत में सुशासन के एक राष्ट्र पुरुष की जयंती है आइए हम इस अवसर पर उनके सपनों को साकार करने के लिए एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो सुशासन, एकता और गति के अटल सिद्धांतों का प्रतीक हो।
गोष्ठी में विजय सिंघानिया, डॉ. गवेन्द्र नोरके, आरबीएस धारिया, श्रीमति हेमलता रॉय, कु.प्रियंका अटारिया आदि ने भी अपने विचार रखें। गोष्ठी का संचालन प्रो. शैलेंद्र सत्यार्थी ने किया और आभार प्रदर्शन गजेंद्र राजोरिया ने किया।
संगोष्ठी में इंजी. राजवीर सिंह राजे, गजेंद्र राजोरिया, मनीष कन्नौजिया, पानसिंह गौतम, डॉ. शैलेंद्र सौंन, मुरारीलाल बाजोरिया, रमेश जाटव, धर्मेंद्र सिंह, इंजी. प्रियंका अटारिया, गजेंद्र चोकोटिया, आकाश सिंह पेंद्राम, अंकेश अहिरवार, कमलेश जाटव, हरनारायण जाटव, ज्योति नोरके, ऊषा मौर्य, श्रीमति अर्चना राजौरिया, श्रीमती रेणु उपमन्यु आदि उपस्थित थे।