
एमआईटीएस में रिसर्च एवं इनोवेशन पर कार्यशाला आयोजित
ग्वालियर। एमआईटीएस समविश्वविद्यालय में आईएसटीई स्टूडेंट चैप्टर और एमडीएलआरसी क्लब द्वारा रिसर्च पेपर लेखन विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और शोधकर्ताओं को उनके करियर विकास और प्लेसमेंट में रिसर्च के महत्व को समझाना था।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में एमआईटीएस समविश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी फैकल्टी की डीन डॉ. मंजरी पंडित ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डॉ. मंजीरी पंडित ने अपने संबोधन में बताया कि शोध न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने का साधन है, बल्कि यह करियर के नए द्वार खोलने और रोजगार के बेहतर अवसरों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने एमआईटीएस विश्वविद्यालय के जर्नल की आईएसएसएन के साथ पंजीकरण से संबंधित उपलब्धियों के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय का तीसरा छात्र सम्मेलन भी लॉन्च किया, जो मार्च 2025 में आयोजित होगा।
कार्यशाला के विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार गौर, प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग ने रिसर्च पेपर लिखने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि रिसर्च पेपर का स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए और इसे प्रभावी बनाने के लिए कौन-कौन से प्रमुख बिंदु ध्यान में रखने चाहिए। उन्होंने रिसर्च पेपर में एब्स्ट्रैक्ट की भूमिका और उसके महत्व पर भी प्रकाश डाला। डॉ. गौर ने पेपर के स्वीकार होने में रिजल्ट डेटा विज़ुअलाइजेशन की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया।
कार्यक्रम में एमआईटीएस के पूर्व छात्रों ने भी ऑनलाइन माध्यम से अपने शोध अनुभव साझा किए। पूर्व छात्रों ने अपनी रिसर्च प्रक्रिया, चुनौतियों और सफलता के बारे में बताया, जिससे प्रतिभागियों को प्रेरणा मिली।
कार्यशाला में विभिन्न श्रेणियों के जर्नल्स जैसे एससीआई, एससीआईई, स्कोपस, वेब ऑफ साइंस और एच-इंडेक्स की चर्चा भी की गई, जिससे छात्रों को जर्नल चयन के महत्व को समझने में मदद मिली।
कार्यशाला में कुल 383 प्रतिभागियों ने 11 विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों से भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताते हुए आयोजकों की सराहना की। आयोजकों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे ताकि छात्रों को रिसर्च और शैक्षणिक प्रगति में सहयोग मिल सके। यह जानकारी संस्थान के जन संपर्क अधिकारी मुकेश मौर्या द्वारा दी गई।
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