मप्र वित्त विभाग: महिला लेखाधिकारी के खिलाफ 25 दिन बाद भी सरकार ने नहीं की कोई कार्रवाई

भोपाल । सरकार के सभी विभागों को नियमों और फायनेंस का पाठ पढ़ाने वाले वित्त विभाग को नजर अंदाज करने वाली महिला लेखाधिकारी के खिलाफ 25 दिन बाद भी सरकार कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है। मप्र पाठ्यपुस्तक निगम में पदस्थ रही विवादित अधिकारी अंजू सिंह को शिक्षा मंत्री के निर्देश पर 24 सितंबर को उनके मूल फायनेंस डिपार्टमेंट के लिए रिलीव कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विभाग में अपनी आमद तक नहीं दी है। इसके बाद भी विभाग उनको लेकर कोई कदम नहीं उठा पा रहा है। बताया जा रहा है कि अपने मूल विभाग में आमद न देने की वजह है उक्त महिला अधिकारी द्वारा अपनी पदस्थापना के 7 साल बीत जाने के बाद भी एक बार फिर से पाठ्य पुस्तक निगम में अपनी पदस्थापना के लिए जोर लगाया जा रहा है। यही वजह है कि वे इसके लिए विभागीय मंत्री के यहां से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं। वे कहां नौकरी कर रही हैं और शासन उन्हें किस बात की वेतन दे रहा, यह बताने के लिए पूरे विभाग ने मुंह बंद कर लिया है। खबर यह भी है कि उनकी हरकतों से और लगातार अनर्गल दबाव बनाने से स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह बुरी तरह चिढ़ गए हैं और किसी भी सूरत पर महिला अधिकारी को वापस लेने को तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले पर नजर लगा रखी है और जल्द ही संबंधित महिला लेखाधिकारी के खिलाफ कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है।
मंत्री के निर्देश पर हटाया था
एक वरिष्ठ वित्त अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को इस तरह से शासन प्रशासन को तमाशा बनाने का कोई अधिकार नहीं है। खासकर जब मप्र पाठ्यपुस्तक निगम में मिली ढेरों अनियमितताओं के बाद उन्हें रिलीव करने के साथ ही महिला अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए वित्त विभाग को लिखा जा चुका है, फिर भी विभाग के अफसर इस मामले से आंखे बंद कर रखी है, इससे मामला और विवादित नजर आने लगा है। चर्चा है कि कुछ अफसरों ने इस महिला अधिकारी को खुली छूट दे रखी है, जिसके चलते 25 दिन बाद भी उन्होंने विभाग में अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी। यह हाल तब है जब उन्हें मंत्री के निर्देश पर हटाया गया है।