वरिष्ठ पार्षदों की नियुक्ति अब नये साल की फ़रवरी में संभव, निगम-मंडल की भी उम्मीद
ग्वालियर। दो महीने पहले शुरू हुई एल्डरमैन नियुक्त करने की कवायद ठंडी पड़ गई है। अक्टूबर में नगर निगम और नगर पालिकाओं में वरिष्ठ नेताओं को एल्डरमैन बनाने की कवायद शुरू की गई थी लेकिन अभी तक इस मामले में बात आगे नहीं बढ़ पाई। बताया जा रहा है कि अब अगले साल ही एल्डरमैन को लेकर कवायद शुरू की जाएगी। यही स्थिति निगम-मंडलों की भी है। अगस्त में सरकार की ओर से पुराने नियमों में संशोधन कर नगरीय निकायों में एल्डरमैन की संख्या बढ़ाने संबंधी घोषणा की गई थी। भोपाल जैसे शहर में तहां 6 एल्डरमैन होते थे वहां उनकी संख्या बढ़ाकर सीधे 12 करने के निर्देश दिए गए थे। दरअसल राज्य सरकार ने अपने नियमों में संशोधन कर 10 लाख से अधिक की आबादी वाले नगर निगम में 12 इससे कम में 8 की नियुक्ति करने की घोषणा की थी वहीं नगर पालिका में 6 और नगर परिषद में 4 एल्डरमैन नियुक्त होना थे। एल्डरमैन के रूप में उन नेताओं की नियुक्ति की जाती थी जो नगर निगम के कामों के विशेषज्ञ हो लेकिन अधिकांश मामलों में सरकार अपनी ही पार्टी के लोगों को उपकृत करते आई है और इस बार भी ऐसा ही होना था। संगठन ने नाम भेजने की तैयारी भी कर ली थी लेकिन बीच में पार्टी के कार्यक्रम और फिर मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम सामने आने के बाद मामला टलता गया। चूंकि अब इस साल की रवानगी में मात्र 20 दिन बचे हैं इसलिए अभी नहीं लगता कि एल्डरमैन की नियुक्ति की कवायद शुरू हो। जो लोग एल्डरमैन बनने का सपना देख रहे हैं उन्हें अब अगले साल तक इंतजार करना पड़ सकता है वहीं निगम-मंडलों में होने वाली सदस्यों की नियुक्ति भी अगले साल ही हो सकेगी।