यात्री वाहनों में पैनिक व VLTD लगाने 6 और कंपनियां अधिकृत, डिवाइस लगने के बाद मालिक को कंट्रोल कमांड सेंटर में रजिस्टर्ड कराना होगा
भोपाल। यात्री व स्कूल बसों में पैनिक व व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगना शुरू हो गए हैं। अभी तक चार कंपनियों के पास इन दोनों डिवाइस को लगाने का अधिकार था,लेकिन अब छह कंपनियां और अधिकृत कर दी हैं। प्रदेश में दस कंपनियां यह कार्य करेंगी। छह कंपनियां आने से स्पर्धा बढ़ेगी, इससे डिवाइस के दाम कम हो सकते हैं। जिससे लोगों को फायदा हो सकता है। कंपनियों ने एक पैनिक बटन की कीमत 300 रुपये रखी है, जबकि वीएलटीडी 12 हजार रुपये में लग रहा है। बस आपरेटरों को चालीस सीटर बस में करीब 15 पैनिक बटन लगाने होंगे। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह डिवाइस लगाए जा रहे हैं।
परिवहन विभाग ने करीब 16 करोड़ की लागत से भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया है। इस कंट्रोल कमांड सेंटर से यात्रक्षी व स्कूल बसों की निगरानी की जानी है।
यात्री या स्कूल बस में पैनिक बटन दबने पर इसकी जानकारी कमांड सेंटर पहुंचेगी। सेंटर में अलर्ट आने के बाद वाहन की लोकेशन तत्काल पुलिस को दी जाएगी। जिससे पुलिस आसानी से पहुंच सके। साथ ही वाहन की गति, मार्ग आदि पर निगरानी रखी की जा सकेगी। इन दोनों डिवाइस को लगाने के बाद वाहन मालिक को कंट्रोल कमांड सेंटर में रजिस्टर्ड कराना होगा। मानकों के अनुसार दोनों डिवाइस लग सकें, उसको लेकर चार कंपनियां अधिकृत की है। नौ कंपनियों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। उन्हें भी अधिकृत किया जाएगा। परिवहन विभाग ने शुरुवात में एक्यूट कम्युनिकेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, आरडीएम इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, जीआरएल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, इकोगस इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड को डिवाइस लगाने के लिए अधिकृत किया है। परिवहन विभाग ने पहले यात्री वाहनों में इन डिवाइस को अनिवार्य किया था, लेकिन भोपाल में हुई घटना के बाद स्कूल बसों में भी अनिवार्य किया है। यदि ये दोनों डिवाइस वाहन में नहीं लगा है तो वाहन की फिटनेस नहीं होगी।