ग्वालियर की एयर क्वालिटी पुअर, पटाखों की बिक्री और उपयोग पर लगा प्रतिबंध,कारोबारियों ने कहा- जब प्रतिबंध लगाना था तो लाइसेंस क्यों दिये?
ग्वालियर में अब दीपावली पर फटाखों का उपयोग पूरी तरह से बंद रहेगा। बच्चे किसी भी प्रकार के फटाखों का आनंद नहीं ले पाएंगे। ग्वालियर में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता बहुत ही ख़राब है। इस कारण से जिला प्रशासन ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के हवाले से यह प्रतिबंध लगाया है। उच्च विद्यालय नई दिल्ली से प्राप्त डब्ल्यूपीसी क्रमांक 726/2015 अर्जुन गोपाल एवं अन्य विरुद्ध केंद्र सरकार एवं अन्य के आदेश के परिपालन में मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग ने दीपावली पर्व के दौरान फटाखों के निर्माण उपयोग एवं वितरण और प्रस्फुटन के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया जारी पूर्व में की गई थी। आज 22 अक्टूबर को ग्वालियर जिला प्रशासन ने पूर्व का आदेश निरस्त कर नए आदेश जारी करते हुए कहा कि ग्वालियर जिले का वायु सूचकांक बहुत खराब है।
ऐसी स्थिति में ग्वालियर नगर पालिका निगम सीमा क्षेत्र के बाहर संपूर्ण जिले में रात 8 बजे से 10 बजे तक सिर्फ ग्रीन पटाखे तथा इसी से संबंधित बिना प्रदूषण वाले पटाखों का उपयोग किया जा सकेगा। इसके साथ ही निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत सभी प्रकार के पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध भी कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने लगाया है।
नया आदेश में मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के हवाले से बताया गया है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सिंगरौली, कटनी व ग्वालियर में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण है और यह पुअर श्रेणी में रखा गया है इसके बाद सभी जिलों में कम और उच्च वायु का आकलन बताया गया है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ग्वालियर जिले में ग्वालियर व्यापार मेला मैदान एवं गिरवाई समेत पूरे शहर भर में पटाखों की बिक्री के लिए बकायदा जिला प्रशासन ने लाइसेंस जारी किए हैं। इन लाइसेंस धारकों ने करोड़ों रुपए का माल स्टॉक किया है यही नहीं इन दुकानों में से बिक्री भी शुरू हो गई है। स्थिति यह है कि दुकानदारों ने जिन पटाखों का संग्रहण किया है उसमें ग्रीन पटाखों का कितना स्टाफ है इसकी जानकारी जिला प्रशासन के पास अब तक नहीं है।
पटाखों पर प्रतिबंध और बिक्री पर रोक के आदेश के बाद आतिशबाजी मार्केट संघ के पदाधिकारी हरीश दीवाने बताया कि अगर पटाखों पर प्रतिबंध ही लगाना था तो हम दुकानदारों को लाइसेंस देने की क्या आवश्यकता थी दुकानदारों ने बकायदा बड़ी मुश्किल से लाइसेंस लेने के बाद करोड़ों रुपए का माल उधारी पर लेकर बिक्री के लिए भरा है अब एकदम से पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश आने के बाद सभी दुकानदार बेहद निराश हैं और उनकी जीवन भर की पूंजी डूबती दिखाई दे रही है।