भोपाल समेत 16 जिलों में बिजली इंजीनियरों की हड़ताल, ग्वालियर व नर्मदापुरम संभाग में वेतन रोके जाने से नाराज बिजली इंजीनियरों ने बंद किया काम
भोपाल। जुलाई महीने की सैलरी नहीं मिलने से नाराज भोपाल समेत 16 जिलों में बिजली कंपनी के करीब एक हजार इंजीनियर हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें असिस्टेंट-जूनियर इंजीनियर से लेकर एसई और डीई भी शामिल हैं। हड़ताल से बुधवार को बिजली फाल्ट सुधारने में देरी हो रही है तो लोगों को नए कनेक्शन भी नहीं मिल पा रहे हैं, क्योंकि दोनों ही काम की मानीटिरंग इंजीनियरों के हवाले होती है। कंपनी रेवेन्यू की वसूली भी नहीं कर पा रही है।
हड़ताल का असर सुबह से ही देखने को मिल रहा है। कई जगह फाल्ट की शिकायतें आईं, लेकिन कर्मचारी समय पर सुधारने नहीं पहुंच सके। आमतौर पर यह काम जूनियर इंजीनियरों के हवाले होता है। मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स के बैनरतले यह हड़ताल की जा रही है। हड़ताल के चलते इंजीनियरों ने अपने मोबाइल भी बंद कर दिए। भोपाल में सभी डिविजनल ऑफिसों के बाहर नारेबाजी भी की गई। सभी इंजीनियर गोविंदपुरा में इकट्?ठा होंगे और संयोजक वीकेएस परिहार के नेतृत्व में प्रदर्शन करेंगे।
हड़ताल करने की यह वजह
बिजली कंपनी कंजूमर इंडेक्सिंग सर्वे करा रही है। इसमें पता लगाया जा रहा है कि कहां-कितने ट्रांसफार्मर लगे हैं। उन पर कितने कनेक्शन हैं, कितना लोड है और आगे कितना लोड दे सकते हैं। ट्रांसफार्मर कहां लगे हैं। कनेक्शनधारी की एक-एक डिटेल को भी सर्वे में शामिल किया जा रहा है। 30 जुलाई तक की डेटलाइन दी गई थी। सर्वे रिपोर्ट इंजीनियरों ने सबमिट भी कर दी। इसे आधा-अधूरा सर्वे बताते हुए कंपनी ने इंजीनियरों की सैलरी रोक दी। इसलिए इंजीनियर हड़ताल पर चले गए। प्रांतीय मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया, इस बारे में मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक से भी चर्चा की गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके चलते बुधवार से हड़ताल शुरू की गई है। इंजीनियर कोई भी काम नहीं कर रहे हैं। इस कारण आम लोगों से जुड़े काम भी प्रभावित हो रहे हैं।
यहां के इंजीनियरों ने बंद किया काम
मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के भोपाल, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, ग्वालियर, भिंड़ आदि जिलों में संभागीय इंजीनियरों से लेकर जूनियर इंजीनियर तक काम नहीं कर रहे हैं। कार्य बहिष्कार में ऐसे कर्मचारी भी शामिल है, जिन्हें वेतन भुगतान नहीं हुआ है। इन इंजीनियरों की मंगलवार मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा से चर्चा हुई, जिसमें प्रबंध संचालक की ओर से कहा गया है कि जब तक घोषणा पत्र भरकर नहीं दिया जाएगा, तब तक वेतन का भुगतान नहीं करेंगे। बैठक में इंजीनियरों की ओर से कह दिया है कि घोषणा पत्र नहीं भरेंगे। इस तरह गोविंदपुरा प्रबंध संचालक कार्यालय में शाम बजे से आधे घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही थी।
ये काम अंधूरे होने का दावा
यूनाईटेड फोरम के संयोजक वीकेएस परिहार ने बताया कि उपभोक्ताओं के मीटर की मैपिंग संबंधित ट्रांसफार्मर, पोल व लाइनों से करने के लिए कहा था, जो कि किया गया है। इसे ही इंडेक्सिंग का नाम दिया है। इसमें तकनीकी रूप से कई खामियां है, जो बिजली कंपनी की ओर से की गई है। मैदानी अभियंता व कर्मचारियों का दोष नहीं है। तब भी वेतन रोका गया है, जो कि उचित नहीं है। अब प्रबंध संचालक घोषणा पत्र भरने के बाद वेतन भुगतान का कह रहे हैं, जिसके लिए अभियंता तैयार नहीं है। जब तक वेतन का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक मोबाइल बंद करके काम बंद का बहिष्कार करते रहेंगे।