मप्र में चार अगस्त के बाद प्रशासनिक सर्जरी, कई ज़िलों में कम मतदान को लेकर कलेक्टर-एसपी पर गिरेगी गाज, मंत्रालय और विभागाध्यक्ष स्तर पर भी बड़े फेरबदल की उम्मीद

 

राजेश शुक्ला, ग्वालियर ।हाल ही में प्रदेश में पहले चरण के नगरीय निकाय चुनाव में ग्वालियर, जबलपुर और छिंदवाड़ा जैसे नगरीय निकाय के महापौर पद पर, भाजपा के प्रत्याशियों को जीत नहीं मिल सकी है। अन्य ज़िलों में भी प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुए कम मतदान से मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन ख़ासा नाराज़ देखा जा रहा है। 20 जुलाई को मध्य प्रदेश के अन्य ज़िलों में दूसरे चरण के  नगरीय निकाय चुनावों का परिणाम सामने आना है।परिणाम सामने आने के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार क़रीब तीन अगस्त के बाद प्रदेश भर में प्रशासनिक सर्जरी को अंजाम दे सकती है।ग्वालियर संभाग में सबसे पहले कई प्रशासनिक अधिकारियों को हटाने के आदेश मिलने के संकेत हैं।प्रशासनिक सूत्र यह भी बताते हैं कि प्रशासनिक जमावट में मुख्यमंत्री सचिवालय में लम्बे अरसे बाद प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी पदस्थ किये जाएंगे। आसार है कि बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की जाएगी, जिसमें मंत्रालय और विभागाध्यक्ष स्तर पर बड़े फेरबदल किए जाएंगे। जिसमें करीब दर्जन भर पीएस स्तर के अधिकारी प्रभावित होंगे।

वहीं जिलों में मैदानी पोस्टिंग वाले उन अफसरों का हटना तय है, जहां भाजपा का बेड़ा गर्क हुआ है, जबकि तीन साल का समय पूरा कर रहे कलेक्टर-एसपी हटाए जाएंगे।

यहाँ बताना आवश्यक है कि यह पूरी क़वायद अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर की जाएगी। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारियों को उन ज़िलों में भेजा जाएगा जिनकी CR रिपोर्ट अच्छी लिखी गई है।नगरी निकाय चुनाव के बाद भाजपा का पूरा फ़ोकस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रहेगा।

यह तय है कि मंत्रियों को विभाग में परफॉरमेंस का पूरा मौका मिलेगा, वहीं पुलिस मुख्यालय में पदस्थ पांच से छह एडीजी स्तर के अधिकारियों के विभाग बदले जायेंगे,जबकि करीब आठ जिलों के एसपी बदले जाएंगे।

सूत्र यह भी बताते हैं कि चुनाव के परिणामों के बाद जहाँ-जहाँ अपराध का ग्राफ बढ़ा है वहाँ के पुलिस अधीक्षकों को हटाया जाएगा। एक पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव में कम मतदान को लेकर भाजपा और उनसे जुड़े सह संगठन अभी से ही विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन कर रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ी बात निकलकर सामने आयी है कि जिन ज़िलों में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहा है वहाँ पर अपने पसंद के अधिकारियों को तैनात कर सकें।