मध्य प्रदेश के 16 नगर निगमों में आर-पार की लड़ाई, बाग़ी बिगाड़ेंगे खेल
मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव में नामांकन वापस लेने का वक्त खत्म हो गया है। सूबे की 16 नगर निगमों में इस बार चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है। भाजपा और कांग्रेस के चुनावी गणित को बिगाड़ने की कोशिश में जहां आम आदमी पार्टी जुटी है, वहीं दोनों ही दलों को टिकट बंटवारे की वजह से कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी झेलना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के 16 नगर निगमों में कहां पर किससे किसकी लड़ाई है, इसकी पूरी जानकारी हम आपको एक जगह पर दे रहे हैं।
उज्जैन में 6 प्रत्याशी अजमा रहे किस्मत
उज्जैन नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए 6 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। यहां भाजपा के मुकेश टटवाल और कांग्रेस के महेश परमार के बीच मुख्य मुकाबला होगा। भाजपा के मुकेश टटवाल पेशे से शिक्षक हैं, वही कांग्रेस के महेश परमार तराना से विधायक हैं। पिछले चुनाव में भाजपा की मीना जोनवाल ने कांग्रेस की कविता गोमे को 23 हज़ार के करीब मतों से शिकस्त दी थी। संपत्ति के मामले में भी भाजपा प्रत्याशी से कांग्रेस प्रत्याशी आगे हैं। भाजपा प्रत्याशी टटवाल बजरंग दल और आरएसएस से जुड़े हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार छात्र राजनीति से आये हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रहते हुए विधायक बने थे।
रीवा में 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में
रीवा नगर निगम से महापौर पद के कुल 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। रीवा से बीजेपी ने महापौर पद के लिए प्रबोध व्यास को अपना प्रत्याशी बनाया है। प्रबोध व्यास संघ से जुड़े हैं, जिनकी पार्टी के नेताओं के बीच अच्छी पकड़ बताई जाती है। वहीं कांग्रेस ने अजय मिश्रा बाबा को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो दिग्विजय सिंह के काफी करीबी बताए जाते हैं। यहां जब से महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होने लगा, तब से यहां भाजपा ही जीतती आ रही है। इस बार आम आदमी पार्टी और शिवसेना ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है, लेकिन चुनावी टक्कर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहने की संभावना है।
सतना में बसपा भी चुनावी लड़ाई में
सतना नगर निगम से सत्तासीन भाजपा के योगेश ताम्रकार, कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा और बसपा के सईद अहमद के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है। इसी तरह आम आदमी पार्टी से बसंत कुमार विश्वकर्मा, समाजवादी पार्टी से बृजेश यादव भी महापौर के रण में शामिल हैं। महापौर के लिए 12 लोगों ने पर्चे दाखिल किए थे, इनमें से एक क्षमा पाल का निरस्त हो गया और बीएसपी के डमी कैंडिडेट गेंदलाल पटेल और भाजपा के बागी मनसुख पटेल ने अपना पर्चा वापस ले लिया। इस तरह से अब कुल 9 प्रत्याशी मैदान में हैं।
खंडवा में AIMIM ने ठोंकी ताल
खंडवा महापौर पद के लिए 7 लोगों ने अपने नामांकन जमा किए थे। इन साथ में से 2 प्रत्याशियों ने अपने नाम बुधवार को वापस ले लिए। अब मैदान में कुल 5 प्रत्याशी हैं। कांग्रेस की ओर से आशा मिश्रा विश्वकर्मा और बीजेपी की ओर से अमृता अमर यादव के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है। हालांकि एआईएमआईएम के प्रत्याशी कनीज बी और आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना सोनी भी चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले निर्दलीय प्रत्याशी शमीम जाकिर और पेंशनर पार्टी की प्रत्याशी कमला ठाकुर ने अपने नाम वापस ले लिए थे।
छिंदवाड़ा में 10 प्रत्याशी
छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर पद के लिए कुल प्रत्याशी 10 मैदान में हैं। बीजेपी के अनंत धुर्वे और कांग्रेस के विक्रम अहाके के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है। पिछली बार बीजेपी से कांता सदारंग मेयर थीं। छिंदवाड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ विधायक हैं। बता दें कि यहां कुल 13 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था लेकिन तीन ने नाम वापस ले लिया।
मुरैना में त्रिकोणीय मुकाबला
मध्य प्रदेश के मुरैना में महापौर पद के लिए कुल पांच उम्मीदवार हैं। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा की मीना जाटव, कांग्रेस की शारदा सोलंकी और बसपा की ममता मौर्य के बीच है। मुरैना नगर निगम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र में आती है और यहां पर बीजेपी ने अबकी बार एक जमीनी कार्यकर्ता को महापौर का टिकट दिया है। इससे पहले यहां भाजपा से के महापौर और पांच बार के सांसद अशोक अर्गल थे। वहीं कांग्रेस ने शारदा सोलंकी को महापौर उम्मीदवार बनाया है जो पिछली बार महापौर के चुनाव में काफी कम वोटों से हारी थीं। मुरैना नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस की कड़ी टक्कर है।
ग्वालियर में AAP भी लड़ाई में
ग्वालियर नगर निगम में महापौर पद के कुल सात उम्मीदवार हैं। यहां भाजपा की सुमन शर्मा और कांग्रेस की शोभा सतीश सिकरवार के बीच मुकाबला है। हालांकि आम आदमी पार्टी की रुचि राय ठाकुर भी चुनावी ताल ठोक रही हैं। मध्यप्रदेश में ग्वालियर सबसे बड़ा राजनीतिक गढ़ माना जाता है और यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ा ज्यादा फोकस ग्वालियर नगर निगम पर है। ग्वालियर नगर निगम पर पिछले 52 सालों से बीजेपी का कब्जा है।
ग्वालियर नगर निगम पर बीजेपी और कांग्रेस की कड़ी टक्कर है। कांग्रेस उम्मीदवार शोभा सिकरवार कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी हैं और विधायक अग्रवाल ग्वालियर में कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेताओं में शामिल हैं। कांग्रेस उम्मीदवार के पास कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम है और यही वजह है कि इस बार बीजेपी को कांग्रेस कड़ी टक्कर देने वाली है। दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार सुमन शर्मा को जिताने के लिए पूरी बीजेपी एकजुट हो गई है। अंचल में सिंधिया से लेकर तोमर सहित तमाम मंत्री एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस पार्टी से बगावत कर कांग्रेस की पूर्व महिला अध्यक्ष रुचि राय ठाकुर ने अबकी बार आप पार्टी का दामन थाम लिया है। कांग्रेस पार्टी ने महापौर का टिकट नहीं दिया तो आप पार्टी में शामिल होकर महापौर उम्मीदवार के रूप में मैदान में आ गई हैं। इसकी वजह से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। स्थानीय गणित के मुताबिक, रुचि राय ठाकुर सबसे ज्यादा कांग्रेस का नुकसान करेंगी।
शापित मानी जाती है रतलाम सीट
रतलाम नगर निगम की सीट के लिए 13 उम्मीदवारों ने दावेदारी की थी, जिसमें से नाम वापसी के बाद अब 7 उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा प्रत्याशी उम्मीदवार प्रहलाद पटेल हैं, तो वहीं कांग्रेस से मयंक जाट चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा आप पार्टी से अनवर खान, सपा से आफरीन बी, नेशनलिस्ट कांग्रेस से जहीरूद्दीन महापौर पद के लिए चुनाव मैदान में है। रतलाम नगर निगम से पूर्व में यहां से भाजपा की सुनीता यारदे महापौर रही हैं।
रतलाम के भाजपा प्रत्याशी के पास करीब 15 करोड़ से अधिक की संपत्ति है, तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार पर अलग-अलग थानों में दो अलग-अलग मामले दर्ज हैं। जिसमें लड़ाई-झगड़े, मारपीट सहित हॉफ मर्डर और आर्म्स एक्ट के प्रकरण शामिल हैं। रतलाम नगर निगम की कुर्सी कथित तौर पर शापित मानी जाती है। पूर्व का इतिहास उठाकर देखें तो यहां महापौर रहने वाले व्यक्ति का राजनीतिक इतिहास खत्म हो जाता है। सन 1994 में निगम बनने के बाद से अब तक ऐसा ही होता आया है।
भोपाल में बीजेपी की तरफ से मालती हैं प्रत्याशी
भोपाल नगर निगम में मेयर का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस की तरफ से विभा पटेल, आम आदमी पार्टी की तरफ से रईसा बेगम मलिक मैदान में है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने मालती राय को मेयर प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा बसपा, जय लोक पार्टी, जनता दल ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। लेखा जायसवाल और सीमा नाथ निर्दलीय हैं। भोपाल से 18 जून को दोपहर 3 बजे तक कुल 12 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था। लेकिन अब मैदान में सिर्फ 8 उम्मीदवार ही बचे हैं।
इंदौर में मेयर के लिए 19 प्रत्याशी
मेयर पद के लिए दिलचस्प मुकाबला इंदौर में भी देखने को मिल सकता है। यहां कुल 19 प्रत्याशी मैदान में हैं। एक दिलचस्प बात यह भी है कि 17 बार चुनाव हार चुके परमानंद तोलानी भी एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। परमानंद तोलानी ने सबसे पहले अपना नामांकन पत्र भी जमा किया था। बता दें कि यहां से भारतीय जनता पार्टी ने पुष्यमित्र भार्गव को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की तरफ से संजय शुक्ला, आम आदमी पार्टी की तरफ से कमल कुमार गुप्ता और एनसीपी की तरफ से कुलदीप पवार तोल ठोक रहे हैं।
बुराहनपुर में महापौर के लिए 7 दावेदार मैदान में
बुराहनपुर में महापौर के लिए 7 दावेदार मैदान में हैं। जिसमें भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और AIMIM ने एक-एक उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि 2 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं। कांग्रेस ने शहनाज इस्माइल अंसारी को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने माधुरी अतुल पटेल को मैदान में उतारा है। बहुजन समाज पार्टी ने कविता प्रमोद गाढ़े, आम आदमी पार्टी ने प्रतिभा संतोष दीक्षित, एआईएमआईएम ने शाईस्ता सोहेल हाशमी को अपना पार्टी प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा सरोज प्रेमचंद नागराज और शबाना शेख मेहमूद रजा निर्दलीय किस्मत आजमा रही हैं।
सिंगरौली: BJP, AAP और कांग्रेस ने उतारे दमदार प्रत्याशी
सिंगरौली नगर निगम में महापौर पद के लिए कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इसी बीच प्रदेश की उर्जाधानी के नाम से विख्यात सिंगरौली नगर निगम में मेयर कुर्सी के लिए काफी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस बार का चुनावी जंग इसलिए भी रोचक माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी ने पूर्व नगर निगम स्पीकर चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस से अरबिंद सिंह चंदेल तो आप से रानी अग्रवाल चुनाव मैदान में है। बताया जाता है कि ये तीनों ही प्रत्याशी बेहद दमदार हैं। मतदाताओं में भी इन तीनों की जबरदस्त पकड़ है। ऐसे में इस बार का मुकाबला बहुत ही रोचक होने वाला है। इसके पहले सिंगरौली से आदिवासी महिला कोटे से प्रेमवती खैरवार बीजेपी की महापौर रही हैं।