मप्र: निकाय चुनाव में निर्दलियों के लिए तय हुए चुनाव चिन्ह, बल्ला, बेलन और घड़ी लेकर चुनावी मैदान में उतरेंगे ‘महापौर’
भोपाल । राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में आयोग ने निर्दलीय महापौर और पार्षदों के लिए चुनाव चिन्ह तय कर दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने महापौर के निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए 5 तो पार्षद के निर्दलियों के लिए 3 चुनाव चिह्न कम कर दिया है। इस बार महापौर के निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदानी में बल्ला, बेलन लेकर प्रचार करेंगे।
जानकारी के अनुसार इस बार नगरीय निकाय चुनव में निर्दलीय प्रत्याशियों को 37 चुनाव चिह्न वितरित किए जाएंगे। मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिह्नों की सूची जारी कर दी है। इसमें महापौर, अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को बेलन, बल्ला जैसे चुनाव चिह्न दिए जाएंगे। जबकि पार्षदों को भोंपू, चारपाई जैसे चुनाव चिह्न मिलेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2022 के निकाय चुनाव में महापौर, अध्यक्ष के लिए 37 चिह्न तय किए हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में इनकी संख्या 42 थी। इसी तरह पार्षद पद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के लिए इस बार 31 चिह्न हैं। पिछले चुनाव में इनकी संख्या 34 थी।
निर्दलीय प्रत्याशी को यह जारी होंगे चुनाव चिह्न
महापौर-अध्यक्ष के लिए
नल, टेबल पंखा, गुब्बारा, स्केल, बिजली का स्विच, कांच का गिलास, रेडियो, खंभे पर ट्यूब लाइट, स्टूल, गैस बत्ती, रोड रोलर, बस, सीटी, प्रेशर कुकर, बल्लेबाज, मटका, गाड़ी, बैटरी टार्च, सूरजमुखी, गेहूं की बाली, सब्जियों की टोकनी, हार, अंगूठी, बैंच, गैस सिलेंडर, पीपल का पत्ता, हारमोनियम, हाथ चक्की, डबल रोटी, मेज, ब्रीफ केस, गैस स्टोव, दरवाजा, ब्रुश, बल्ला, वायलिन, बेलन।
पार्षदों के लिए
केक, कैमरा, गाजर, कोट, टेंट, चारपाई, सिलाई की मशीन, नाव, स्कूटर, जीप, ब्लैक बोर्ड, टेलीफोन, टेलीविजन, कप और प्लेट, बरगद का पेड़, लेटर बॉक्स (पत्र पेटी), अलमारी, हॉकी और गेंद, डीजल पंप, दो तलवार और एक ढाल, डोली, फलों सहित नारियल का पेड़, कैंची, बाल्टी, कमीज, फ्राक, केतली, लेडी पर्स, भोंपू, सेव और प्रेस।
ऐसे मिलता है चुनाव चिह्न
निर्दलीय उम्मीदवार को चुनाव चिह्न का आवंटन निर्वाचन अधिकारी करते हैं। उम्मीदवार को आवेदन में आयोग की सूची में तय किए चिह्नों में से 3 का विकल्प भरना पड़ता है। इसमें से एक चिह्न आवंटित होता है। उधर, चुनाव चिह्नों के कम होने को लेकर विशेषज्ञ बताते हैं कि जिन चिह्नों को पिछले दो चुनाव में उपयोग में नहीं लिया गया है, उन्हें आयोग हटा सकता है या फिर ऐसे चिह्न जो वर्तमान में किसी पार्टी के लिए अधिकृत हो चुके हैं, उन्हें वह सूची से हटा सकता है।