मध्य प्रदेश में तीन सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन, भाजपा की कविता-सुमित्रा और कांग्रेस के विवेक पहुंचे राज्यसभा
राज्यसभा के लिए मध्य प्रदेश में तीनों प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए हैं। इनमें से दो उम्मीदवार भाजपा जबकि एक कांग्रेस का था। भाजपा की तरफ से कविता पाटीदार और सुमित्रा वाल्मीकि मैदान में थीं, जबकि कांग्रेस ने विवेक तन्खा को कैंडिडेट बनाया था। विवेक तन्खा दूसरी बार राज्यसभा पहुंचेंगे, वहीं भाजपा प्रत्याशियों के लिए यह पहला मौका होगा। बता दें कि राज्यसभा में मध्य प्रदेश से तीन सदस्यों का कार्यकाल 29 जून को खत्म हो रहा है। इनमें से दो भाजपा के संपतिया उइके व एमजे अकबर और कांग्रेस के विवेक तन्खा शामिल हैं।
मध्य प्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें
तीनों ही प्रत्याशियों के नामांकन पत्र छंटनी में सही पाए गए। वहीं मैदान में इनके सामने किसी और प्रत्याशी के न होने के चलते तीनों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में राज्यसभा के लिए ग्यारह सीटें हैं जिनमें से आठ सीटें भाजपा और तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं। भाजपा की आठ सीटों में से छह सीटों पर धर्मेंद्र प्रधान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, एम मुरुगन, सुमेर सिंह सोलंकी, अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी राज्यसभा सदस्य हैं और अब दो महिला कविता पाटीदार व सुमित्रा वाल्मीकि राज्यसभा जा रही हैं। वहीं, कांग्रेस की तीन सीटों में से दिग्विजय सिंह व राजमणि पटेल अभी राज्यसभा में हैं। विवेक तन्खा को दूसरी बार कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा है।
ओबीसी और दलित वोटरों पर निगाह
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में भाजप की दोनों उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से ही इनका नाम चर्चा में है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ओबीसी और दलित वर्ग से राज्यसभा उम्मीदवार चुनकर भाजपा ने आगामी निकाय चुनावों के साथ-साथ विधानसभा चुनावों के लिए वोट बैंक का मामला सेट कर लिया है। बता दें कि भाजपा की नई राज्यसभा सदस्यों में कविता पाटीदार ओबीसी वर्ग से आती हैं। वहीं सुमित्रा वाल्मीकि दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं।