CM राइज स्कूल: शिक्षकों को नहीं मिली मर्ज़ी की पदस्थापना, दूर-दराज के गांव में पहुंचा दिया, हो रहे परेशान
भोपाल। सीएम राइज स्कूल के लिए चयनित शिक्षकों को उनके पसंद वाले स्कूलों में पदस्थापना नहीं मिल रही है। पसंद वाले स्कूलों के बजाय शिक्षकों को दूरदराज के गांवों में पहुंचा दिया गया। इससे शिक्षक परेशान है। मालूम हो कि स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन दिन पहले सीएम राइज योजना के तहत पहले चरण के स्कूलों के लिए शिक्षकों के चयन की सूची जारी की है। विभाग के जारी आदेशों में शिक्षकों की स्कूलों में पदस्थापना का जिक्र किया गया है। परीक्षा से पहले कहा गया था कि चयनित होने वाले शिक्षकों को मेरिट के आधार पर उन स्कूलों में पदस्थापना मिलेगी, जो उन्होंने चुने हैं। अब उसका ठीक उलटा हो रहा है। ज्यादा नंबर लाने वाले शिक्षकों को उनकी पसंद वाले स्कूलों की जगह दूर-दराज के गांव में पहुंचा दिया। वहीं कम नंबर वाले शिक्षकों को माडल स्कूलों जैसी अहम संस्थाओं में पदस्थापना दे दी गई। शिक्षकों के चयन की कवायद पिछले साल से चल रही थी। इन स्कूलों के लिए तय मापदंड के तहत शिक्षकों की परीक्षा ली गई थी। परीक्षा के नतीजों के आधार पर शिक्षकों का चयन किया गया है। शिक्षकों को आवेदन भरते समय स्कूलों की च्वाइस फिलिंग करने को कहा गया था। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्कूलों का चयन करना था। मेरिट के आधार पर उन्हें इन स्कूलों में पदस्थापना मिलना थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सीएम राइज स्कूलों की विसंगति के यह महज दो उदाहरण है। इन विसंगतियों के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की है। इस बारे में मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष सक्सेना का कहना है किसीएम राइज स्कूलों में पदस्थापना नियम विरुद्ध तरीके से हो रही है। शिक्षकों की कार्य मुक्ति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। विभाग ऐसा नहीं करता है, तो उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।