मप्र: निगम चुनाव के बाद अधिकारियों की बंद होगी मनमर्जी की नौकरी, शासन लगायेगा लगाम
उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के चलते 2014 के बाद नगर निगम चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों से एक ओर जहां आमजनों की परेशानी कम होगी वहीं दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारियों की पार्षदों के नहीं होने के कारण चल रही आराम की नौकरी पर भी अंकुश लगेगा। पार्षदों के नहीं होने के कारण आम जनता की परेशानियां अधिकारियों तक नहीं पहुंच रही थीं, साथ ही जो समस्याएं पहुंच भी रहीं हैं अभी उन पर सुनवाई काफी सीमित मात्रा में हो रही है। पार्षद अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लगातार अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं, साथ ही पार्षद नगर निगम के ट्रस्टी होते हैं इसलिए उनकी बात भी अधिकारियों को बातें भी माननी पड़ती हैं।
भोपाल-ग्वालियर और अन्य ज़िलों की जनता सीवर, स्ट्रीट लाइट, पानी, विधवा पेंशन आदि समस्याओं के लिए वह पार्षदों के घर पहुंच जाती हैं। जबकि रसूखदार लोग पार्षदों को फोन कर अपनी परेशानियों को बता देते हैं। पार्षद जनता की परेशानियों को आसानी से सुनते हैं और उनके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश भी देते हैं। पार्षदों के नहीं होने के कारण आमजन इन परेशानियों को झेल रहे हैं, इनमें से बहुत ही कम लोग नगर निगम कार्यालयों तक पहुंचते हैं। क्योंकि कार्यालयों में अधिकांश समय अधिकारी मिलते नहीं हैं, साथ ही यही हाल क्षेत्रीय कार्यालयों का भी है यहां भी क्षेत्रीय अधिकारी काफी कम समय तक मिलते हैं। इसके साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय भी तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर हैं। ऐसे में तीन साल से नगर निगम के अधिकारी चैन की नौकरी कर रहे हैं, क्योंकि अभी जनता और पार्षद दोनों की उन्हें नहीं सुननी पड़ रही थी।
तीन साल से नहीं हुए वार्डों में काम
वार्डों के अंदर गलियों में डाली गई अमृत योजना के तहत सीवर एवं पानी की लाइनों पर ठीक से रेस्टोरेशन नहीं होने के कारण सड़कों की हालत खराब है, इसके साथ ही करीब चार सालों से गलियों में निर्माण कार्य नहीं हुए हैं। इसी प्रकार अधिकांश इलाकों में स्ट्रीट लाइटों के खराब होने की समस्या बनी हुई है, जिनका समय पर निराकरण नहीं हो पा रहा है।, टिपर वाहन समय पर नहीं पहुंच रहे हैं, साथ ही ना ही गलियों में झाडू लग रही है और ना ही कचरा उठाया जा रहा है।
सीएम हेल्प लाइन पर बढ़ी शिकायतें
नगर निगम में पार्षदों के नहीं होने के कारण आमजनों की शिकायतें सीएम हेल्प लाइन पर बढ़ रही हैं, आमजन नगर निगम में समस्याओं के निराकरण के लिए चक्कर लगाने की जगह सीधे सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें कर रहा हैं।