केंद्रीय जेल में VIP मुलाक़ात: पूर्व CM दिग्विजय सिंह से आरोपी छात्र नेता को मिलाने की गाज जेल अधीक्षक पर गिरी, शासन ने किया निलंबित
वीआईपी मुलाक़ात कराने का मिला निलंबित वाला ईनाम
राजेश शुक्ला। ग्वालियर केंद्रीय जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गुस्से की गाज गिर गई। आज 12 अप्रैल को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जेल अधीक्षक साहू को निलंबित करने की घोषणा मीडिया के समक्ष की।बता दें कि यह अपने आप में पहला मामला है कि जेल में मुलाकात के बाद अधीक्षक की कक्ष का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसपर साहू को निलंबित किया गया है ।
मध्यप्रदेश शासन ने इसे सुरक्षा की दृष्टि से घोर लापरवाही मानी है वही जेल मैन्युअल के विपरीत भी समझा है।
पाठकों को बता दें कि गत दिवस मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सेंट्रल जेल ग्वालियर पहुंचे थे यहां पर पुलिस सब इंस्पेक्टर की हत्या के प्रयास के आरोप में बंद भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ग्वालियर के जिला अध्यक्ष शिवराज सिंह यादव से श्री सिंह और कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने जेल अधीक्षक के केबिन में आरोपी से मुलाकात की थी।
आरोप है कि जेल अधीक्षक ने पूर्व सीएम को अपने केबिन में बिठाकर आरोपी यादव से मुलाकात कराई थी इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है इसी वायरल वीडियो पर मध्यप्रदेश शासन ने जेल अधीक्षक साहू को विपरीत आचरण के अनुरूप माना और आज निलंबित करने के आदेश दिए।
इधर स्थानीय कांग्रेस के नेताओं को कहना है कि इस मामले में बीजेपी अपनी हद पार कर रही है इससे पहले भी भाजपा के नेता अधीक्षक के केबिन में बैठकर बंदियों से मिलते रहे हैं लेकिन सत्ता में बैठी भाजपा अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रही है।
यहां बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के अध्यक्ष शिवराज यादव भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। फूलबाग में मुख्यमंत्री का पुतला दहन करने के दौरान इंदरगंज थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर गौतम से पुतला छीनने का प्रयास किया इस दौरान सब इंस्पेक्टर बुरी तरह जल गया था। सब इंस्पेक्टर का इलाज दिल्ली में भी चला था।
इधर जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू को हटाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इसे भाजपा सरकार की तानाशाही मानी है।
गृह विभाग के सूत्र बताते है कि जल्द ही ग्वालियर सेंट्रल जेल के नये अधीक्षक को भेजने की कवायद मध्य प्रदेश शासन कर रहा है।
गृहमंत्री ने कहा कि जेल मैन्युअल के खिलाफ है , जेल के अंदर के फोटो का वायरल होना। इसीलिए प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू को निलंबित करने का निर्णय लिया है। दिग्विजय सिंह को जेल के नियम प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होना आश्चर्यजनक है जो स्वयं 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं।
उक्त प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से संपर्क करने का प्रयास भी किया गया लेकिन संपर्क हो न सका।