न्यायाधिकरणों में रिक्तियों के मामले में शीर्ष अदालत ने कहा-  सरकारी अधिकारियों को जेल भेजना समाधान नहीं: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने बुधवार को देश भर के न्यायाधिकरणों में रिक्तियों को भरने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों पर  नाराजगी व्यक्त की थी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि नौकरशाही इस मुद्दे को हल्के में ले रही है।
चीफ जस्टिस एनवी रमण ने गुरुवार को दोहराया कि शीर्ष अदालत देश भर के विभिन्न न्यायाधिकरणों में रिक्तियों से संबंधित याचिकाओं पर विचार करेगी। चीफ जस्टिस ने हालांकि कहा कि न्यायाधिकरणों के सदस्यों की नियुक्ति न होने पर सरकारी अधिकारियों को न्यायालय की अवमानना के आरोप में जेल भेजना समस्या का समाधान नहीं होगा।

उन्होंने याचिकाकर्ता के एक वकील से कहा कि क्या मुझे आज ही सरकार को बुलाकर जेल भेज देना चाहिए? क्या वे लोगों को नियुक्त करेंगे? थोड़ा धैर्य रखें। मैंने बुधवार को इस मामले पर गौर किया था और हम इस मसले को देख रहे हैं।

दरअसल, वकील आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) में रिक्तियों को भरने की गुहार कर रहे थे। शीर्ष अदालत ने बुधवार को देश भर के न्यायाधिकरणों में रिक्तियों को भरने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों पर  नाराजगी व्यक्त की थी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि नौकरशाही इस मुद्दे को हल्के में ले रही है।