कॉन्वेंट स्कूल के क्रिसमस आयोजन में हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने बाधा डाली, धमकाया  

  कर्नाटक के मांड्या जिले में 23 दिसंबर को दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कॉन्वेंट स्कूल में घुसकर वहां हो रहे क्रिसमस समारोह को बाधित किया.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यकर्ताओं ने इसके साथ ही स्कूल प्रशासन को धमकी भी दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू जागरण वेदिक के सदस्य कथित तौर पर निर्मला इंग्लिश हाईस्कूल एंड कॉलेज में घुसे और वहां के कर्मचारियों को धमकाया.

इसके साथ ही दक्षिणपंथी समूह के कार्यकर्ताओं ने स्कूल प्रशासन से यह सवाल भी किया कि क्रिसमस का आयोजन क्यों किया जा रहा है जबकि हिंदू त्योहारों का आयोजन नहीं किया जाता?

इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें घुसपैठियों को यह कहते सुना जा सकता है, ‘हम आप पर (परिजनों) यह फैसला छोड़ रहे हैं. अगर हमने इसे अपने हाथ में ले लिया तो स्थिति अलग होगी.’

स्कूल की प्रधानाचार्य कनिका फ्रांसिस मैरी ने एनडीटीवी को बताया कि संस्थान में हर साल क्रिसमस मनाया जाता है लेकिन कोरोना महामारी की वजह से स्कूल प्रशासन ने आयोजन रद्द करने का फैसला किया था.

हालांकि, छात्रों ने स्कूल से क्रिसमस के मौके पर छोटा-सा आयोजन करने की अनुमति देने का आग्रह किया था और खुद के प्रयासों से पैसा इकट्ठा कर क्रिसमस के लिए केक भी खरीदा था.

इन छात्रों में से एक ने इस कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए कथित तौर पर दक्षिणपंथी समूहों से इसके बारे में बताया था कि स्कूल ईसाई धर्म का प्रचार कर रहा है और क्रिसमस का आयोजन कर रहा है लेकिन किसी हिंदू त्योहारों का आयोजन नहीं कर रहा. इस बात का पता चलने पर इन समूहों के सदस्यों ने स्कूल में जबरदस्ती घुसने का फैसला किया.

स्कूल प्रशासन ने अगले दिन 24 दिसंबर को पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई.

मैरी का आरोप है कि हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने संस्थान के परिसर में हिंदू देवी सरस्वती की तस्वीर लगाने की बात कही और यहां तक कि स्कूल के मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने का आदेश दिया.

कर्नाटक में बीते कुछ महीनों से दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के सदस्यों द्वारा ईसाइयों पर इस तरह के हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक धर्मांतरण रोधी कानून के 23 दिसंबर को विधानसभा में पारित होने के दिन ही स्कूल पर यह हमला किया गया.

बता दें कि इस विधेयक का विधानसभा के अंदर और बाहर भारी विरोध किया गया.

Comments are closed.