उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और कमिश्नर को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त और लोक सेवा आयोग के सचिव को अवमानना मामले में नोटिस जारी किया है। मामला 2017-18 में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर है।
आरोप है कि उच्च शिक्षा विभाग ने दिव्यांगजनों को निर्धारित से अधिक आरक्षण न देने के हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी की है।
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस सुनीता यादव की बेंच ने अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए संबंधितों को नोटिस जारी किए।
सिंगरौली के दिनेश कुमार सिंह और अन्य ने याचिका में कहा था कि उच्च शिक्षा विभाग ने 2017-18 में विभिन्न विषयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। भर्ती में दिव्यांगों को निर्धारित से अधिक आरक्षण दिया गया था।
हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल 2020 को जारी आदेश में कहा था कि राज्य सरकार दिव्यांगों को निर्धारित से अधिक आरक्षण नहीं दे सकती। उसे निर्धारित आरक्षण ही देना होगा।
एक महीने के अंदर संशोधित सूची को जारी करें। अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि हाईकोर्ट के आदेश की राज्य सरकार ने अनदेखी की है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडे ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के अप्रैल 2020 के आदेश की अनदेखी की है। एक महीने में पुनरीक्षित सूची जारी करनी थी, जो नहीं की गई। पांडे की दलीलों पर हाईकोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस भेजे हैं। मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।
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