500 से अधिक वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखा- केंद्र से पूछें पेगासस खरीदा या नहीं

नई दिल्लीः प्रख्यात लेखकों, पत्रकारों, वकीलों, शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं सहित 500 से अधिक लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना को पत्र लिखकर मिलिट्री ग्रेड के पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल से देश के कई नामचीन लोगों के मोबाइल फोन के संभावित सर्विलांस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है.  पेगासस प्रोजेक्ट केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, एक मौजूदा जज, कई कारोबारियों और कार्यकर्ताओं सहित 300 से अधिक भारतीयों के फोन नंबर के लीक डेटाबेस पर आधारित है, जिनकी पेगासस से हैकिंग की गई या वे संभावित रूप से निशाने पर थे.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पत्र पर अरुणा रॉय, अंजलि भारद्वाज, कविता कृष्णन और हर्ष मंदर जैसे कार्यकर्ताओं, वृंदा ग्रोवर, झूमा सेन जैसी वकील जयती घोष, सुकांत चौधरी, जोया हसन और रोमिला थापर जैसे शिक्षाविद, अरुंधति रॉय, वी. गीता, गीता हरिहरन जैसे लेखकों,  अनुराधा भसीन, पेट्रिशिया मुखिम और जॉन दयाल जैसे पत्रकारों सहित विभिन्न क्षेत्रों की कई हस्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं. इन लोगों ने इस खुले पत्र में चार प्रमुख सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह केंद्र सरकार को इनका जवाब देने का निर्देश दें.

1. क्या किसी भारतीय इकाई ने पेगासस खरीदा था? अगर हां तो वह इकाई कौन सी थी और इसके लिए भुगतान (इसकी लागत का अनुमान कथित तौर पर प्रति फोन 1.5 करोड़ है) किस तरह किया गया? 2. अगर इसे वास्तव में खरीदा गया तो संभावित हैकिंग के लक्ष्यों का चुनाव किस तरह किया गया और हैकिंग से मिली सूचना का क्या उपयोग किया गया?
3. इस तरह के लक्ष्यों के चुनाव का औचित्य क्या था और उन्हें किस संवैधानिक प्राधिकरण के समक्ष पेश किया गया?

4. किस संवैधानिक प्राधिकरण ने पत्रकारों, नेताओं, वकीलों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों (सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों) सहित इन व्यक्तियों की निजता के आपराधिक उल्लंघन की निगरानी या समीक्षा की ताकि इन्हें पेगासस की संभावित सर्विलांस सूची में शामिल किया जा सके?

इन हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा, ‘हमारा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट भारत में पेगासस के इस्तेमाल से संबंधित सभी जवाबों की केंद्र से मांगकर और उन्हें सार्वजनिक कर लोगों में विशेष रूप से महिलाओं में विश्वास बहाल कर सकता है.’

इस पत्र में विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट की एक कर्मचारी द्वारा पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न का मामला उठाया गया है. हस्ताक्षरकर्ताओं ने दुख जताया कि यौन उत्पीड़न पीड़िता को कथित तौर पर सर्विलांस सूची में रखा गया. इसके साथ ही गोगोई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच की वैधता पर भी सवाल उठाए गए.

22 Replies to “500 से अधिक वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखा- केंद्र से पूछें पेगासस खरीदा या नहीं”

  1. Hi, just required you to know I he added your site to my Google bookmarks due to your layout. But seriously, I believe your internet site has 1 in the freshest theme I??ve came across.Seo Paketi Skype: By_uMuT@KRaLBenim.Com -_- live:by_umut

Comments are closed.