देश में नगर निगम के कर्मचारियों को भी मिलेगा ईएसआई की सामाजिक सुरक्षा का लाभ

नई दिल्ली। देश भी की नगर निगम इकाइयों में कैजुअल और कांट्रैक्ट पर कार्यरत कर्मचारियों को ईएसआई की सुविधा मिलेगी. इसके तहत तहत कर्मचारियों और उनपर निर्भर परिवारों को ईएसआईएस अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में मुफ्त में चिकित्सा सुविधा, दिव्यांग लाभ सुविधा, प्रसव लाभ, अंतिम संस्कार लाभ जैसी कई सुविधाएं दी जाती है. देशभर के नगर निगम इकाइयों में आकस्मिक तथा संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को सुविधा दी जाएगी. इसके तहत कर्मचारियों को ईएसआईएस अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में मेडिकल सुविधा दी जाती है. केंद्र सरकार ने इन कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत यह सुविधा देने का फैसला किया है.

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने एक वक्तव्य में कहा है कि नगर निगम इकाइयों में कैजुअल और कांट्रेक्ट पर कार्यरत कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए सभी ईएसआईसी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने संबंधित राज्यों या संघ शासित प्रदेशों की सरकारों से इस मामले को उठाए तथा उन्हें ईएसआईसी एक्ट के तहत उचित अधिसूचना जारी करने के लिए कहें.

कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए जरूरी
वक्तव्य में कहा गया है कि चूंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली केंद्र सरकार के अधीन आती है, इसलिए श्रम मंत्री ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन 7 जून को ही जारी कर दिया है. गंगवार ने कहा, ईएसआईएस में कायऱ्रत ये कर्मचारी काफी असुरक्षित हैं. इसलिए इनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए ईएसआईएस कवरेज एक लंबा रास्ता तय करेगा. साथ ही उनके परिवारों और उनके सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

देशभर में ईएसआई के 160 अस्पताल
एक बार जब राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा कि नगर निगम इकाइय़ों के कर्मचारी ईएसआईएस की सभी सुविधाओं को उठाने के लिए अधिकारी हो जाएंगे. ईएसआईएस सुविधा के तहत कर्मचारियों और उनपर निर्भर परिवारों को ईएसआईएस अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में मुफ्त में चिकित्सा सुविधा, दिव्यांग लाभ सुविधा, प्रसव लाभ, अंतिम संस्कार लाभ जैसी कई सुविधाएं दी जाती है. वर्कर को देशभर में 160 ईएसआई अस्पतालों और 1500 डिस्पेंसरियों में यह सुविधा मिलेगी. वर्तमान में उद्यमों में जहां 10 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां यह सुविधा दी जाती है. यह सुविधा ऐसे कर्मचारियों के लिए है जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है. इसके लिए नियोक्ता को सैलरी का 3.25 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है जबकि कर्मचारियों का अंश 0.75 प्रतिशत है.