अधिकारियों का सेवानिवृत्ति के तत्काल बाद निजी क्षेत्र में नौकरी करना गंभीर : सीवीसी

नयी दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सरकारी अधिकारियों के सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद निजी क्षेत्र में नौकरी करने पर चिंता जताई है.सीवीसी ने गुरुवार को कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों का अनिवार्य ऑफ पीरियड पूरा किए बिना निजी क्षेत्र में नौकरी स्वीकार करना गंभीर कदाचार का मामला है.सीवीसी ने आदेश जारी कर कहा कि केंद्र सरकार के सभी संगठनों को सेवानिवृत्ति के बाद रोजगार देने से पहले सतर्कता विभाग से अनिवार्य रूप से मंजूरी लेनी चाहिए. सीवीसी ने कहा कि यदि किसी सेवानिवृत्त अधिकारी ने एक से अधिक संगठनों में काम किया है, तो उन सभी संगठनों से सतर्कता संबंधी मंजूरी प्राप्त की जानी चाहिए, जहां अधिकारी ने पिछले 10 वर्षों में सेवा दी थी.

आदेश में कहा गया कि बाबुओं को सेवानिवृत्ति के बाद नौकरी देने से पहले सभी सरकारी संगठनों को अनिवार्य रूप से सतर्कता मंजूरी लेनी चाहिए.

सीवीसी ने केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों और सार्वजनिक उपक्रमों को जारी आदेश में कहा, च्यह देखा गया है कि कुछ मामलों में सरकारी संगठनों से सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सेवानिवृत्त अधिकारी निजी क्षेत्र के संगठनों में पूर्णकालिक या फिर कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं.

आदेश में कहा गया, अक्सर इस तरह की पेशकश को स्वीकर करने से पहले संबंधित संगठनों के नियमों के तहत सेवानिवृत्ति के बाद कुछ अवधि के लिए कोई पद नहीं लेने की व्यवस्था का पालन नहीं किया जाता है, जो गंभीर कदाचार का मामला है.ज्

आदेश में कहा गया कि सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों को नियुक्त करने से पहले उन संगठनों से सतर्कता संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए कोई परिभाषित प्रक्रिया नहीं है, जहां ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों ने सेवानिवृत्ति से पहले पूर्णकालिक आधार पर सेवाएं दी थीं.

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