स्मृति शेष:ग्वालियर की पत्रकारिता के प्रभात का हुआ अस्त: अभी बीज हो तो अंकुरित हो जाओगे, ध्येय नहीं भूलना

तुम अभी बीज हो….धीरे-धीरे अंकुरित हो जाओगे। बस पत्रकारिता का ध्येय नहीं भूलना। यह वाक्य मुझे डेढ़ दशक बाद भी शत:अक्षरत याद हैं। उन दिनों…

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