समयपूर्व परिवहन विभाग ने पूरा किया 3820 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व का टारगेट, मध्य प्रदेश में वाहनों की बिक्री से हुआ संभव

 

ग्वालियर। वित्तीय वर्ष 2022-23 समाप्त होने वाला है। लेकिन प्रदेश के कई विभाग राजस्व का टारगेट पूरा करने में पिछड़े हुए हैं। ऐसे में मप्र परिवहन विभाग ने समय से पहले अपना टारगेट पूरा कर लिया है। विभाग ने 15 मार्च तक 3820 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त कर लिया है। इसके पीछे विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मेहनत और लगन साफ दिखती है। गौरतलब है कि परिवहन विभाग वर्ष 2021-22 में मिला 3600 करोड़ का राजस्व हासिल नहीं कर सका था। 31 मार्च 2022 तक 3026 करोड़ ही राजस्व जुटा पाया था। लेकिन विभाग ने वर्ष 2022-23 में मिले 3800 करोड़ का रेवेन्यू टारगेट वित्तीय वर्ष खत्म होने से (31 मार्च) 15 दिन पहले ही पूरा कर लिया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस वर्ष वाहनों की बिक्री अच्छी हुई है, इसलिए रेवेन्यू टारगेट समय से पहले पूरा हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि 31 मार्च तक 150 से 200 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। 15 मार्च तक 3820 करोड़ राजस्व प्राप्त हो गया है। जानकारी के अनुसार विभाग को वर्ष 2023-24 में 4000 से 4100 करोड़ राजस्व का लक्ष्य मिलेगा। विभाग द्वारा राजस्व लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त करने वाले जिलों के अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र दिए जाएंगे।
इंदौर-ग्वालियर में अधिक वसूली
प्रदेश के चार महानगरों में से इंदौर और ग्वालियर में लक्ष्य से अधिक राजस्व मिला है। इंदौर को 673.19 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन वहां 680 करोड़ की वसूली हुई है। वहीं ग्वालियर में 230.59 करोड़ के लक्ष्य से अधिक 250 करोड़ की वसूली हुई है। भोपाल में 401.47 करोड़ लक्ष्य था लेकिन 370 करोड़ और जबलपुर में 245.18 करोड़ लक्ष्य के एवज में 180 करोड़ की वसूली हुई है। अगर वर्ष वार देखें तो 2018-19 में 3002 करोड़, 2019-20 में 3266 करोड़, 2020-21 में 2746 करोड़ 2021-22 में 3026 करोड़ की वसूली हुई है। केंद्र सरकार से परिवहन विभाग को वर्ष 2022-23 में नेशनल परमिट के 217 करोड़ मिले हैं, बाकी के 3600 करोड़ टैक्स के रूप में प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2021-22 में नेशनल परमिट के 175 करोड़ मिले थे। अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना का कहना है कि प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष में 3800 करोड़ रुपए का रेवेन्यू टारगेट दिया था, जिसे 15 दिन पहले ही पूरा कर लिया है। 31 मार्च तक 150 से 200 करोड़ राजस्व और आने की उम्मीद है।
योजना बनाकर की सामूहिक चेकिंग
परिवहन विभाग ने राजस्व संग्रहण के लिए पथ भ्रष्ट वाहनों पर छूट एवं एक मुश्त भुगतान की सरल समाधान योजना की मॉनीटरिंग प्रति सप्ताह की जाती रही। सभी जिलों को माह के प्रारंभ में ही बकाया कर वाले वाहनों की सूची उपलब्ध कराकर उनसे राजस्व प्राप्ति के लिए निर्देशित किया गया। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निर्देशानुसार एक योजना बनाकर क्षेत्रीय और जिला परिवहन अधिकारियों, चेक पोस्ट प्रभारियों एवं सुरक्षा स्कवॉड के मध्य सामूहिक चेकिंग का कार्य किया गया। अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना द्वारा प्रवर्तन अमले द्वारा सघन चेकिंग कर बकाया कर से संबंधित चिन्हित वाहनों से वसूली की कार्यवाही की गई। विशेषकर उद्योगों में संबद्ध ऐसे वाहन जिन पर कर की राशि बकाया थी, को समय-समय पर चेक कर उनसे वसूली की गई। इसके साथ ही अन्य राज्यों को जारी किए जाने वाले परमिटों के नवीनीकरण द्वारा अंतरराज्यीय बस सेवाओं को सामान्य एवं नियमित करने से राजस्व आय में वृद्धि के प्रयास तेज किए गए।