हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में कहा- बिना FIR बयान देने के लिए नहीं बुला सकती है पुलिस

भोपाल।। पुलिस थानों में लोगों को बिना लिखापढ़ी के लोगों को बुलाने और पुलिस ज्यादती की शिकायतें आती रहती हैं। बिना एफआईआर दर्ज किए लोगों को बयान देने के लिए बुलाने को लेकर मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने महत्वर्पूण आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार बिना एफआईआर के पुलिस बयान के लिए नहीं बुला सकती है। यदि हाईकोर्ट के इस आदेश को पुलिस मुख्यालय लागू करता है तो फिर पुलिस ज्यादती में कमी आएगी। हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस द्वारा एक परिवार को बिना एफआईआर के बयान के लिए बुलाने को लेकर लगाई कई याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस का नोटिस निरस्त करते हुए यह व्यवस्था दी है।
इंदौर पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 160 के तहत याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किए गए। इसमें कहा कि बयान देने नहीं आए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि पुलिस द्वारा इस तरह किसी को बयान देने के लिए नहीं बुलाया जा सकता। धारा 160 में भी नोटिस देकर बुलाने के भी सीमित दायरे हैं। बगैर एफआईआर दर्ज किए थाने पर बयान देने नहीं बुलाया जा सकता।
पुलिस ने दिलीप अग्रवाल राधा अग्रवाल देव्यानी और शिवम अग्रवाल को नोटिस जारी किए थे। दरअसल याचिकाकर्ता के परिचित प्रद्युमन द्वारा दिलीप की बेटी के नाम से व्यापार शुरू किया था। दिलीप को बताया कि उनकी बेटी भाग्यशाली है। उसके नाम से व्यापार किया तो फायदा होगा। कंपनी से लेकर चल-अचल संपत्ति दिलीप की बेटी के नाम से खरीदी गई। लॉकडाउन के वक्त व्यापार मंदा हो गया। चल-अचल संपत्ति हड़प लेने का आरोप लगाकर दिलीप व परिजन के खिलाफ शिकायत की गई। पुलिस द्वारा इसी मामले में नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया जा रहा था।