विस चुनाव:कांग्रेस में बड़ी सर्जरी जल्द; सिंधिया को कमज़ोर करने ग्वालियर-चंबल पर फ़ोकस, कमलनाथ जल्द घोषित करेंगे नई कार्यकारिणी !

भोपाल । कांग्रेस अब पूरी तरह चुनावी तैयारी में जुट गई है। पार्टी का पहला फोकस संगठन के विस्तार और मजबूती पर है। इसके लिए प्रदेश संगठन में बड़ी सर्जरी होने की संभावना है। दरअसल विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस में जल्द ही बड़े बदलाव किए जाएंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का सबसे अधिक फोकस ग्वालियर-चंबल अंचल पर है। सबसे बड़ा फेरबदल ग्वालियर चंबल संभाग में देखने को मिल सकता है। इसकी वजह यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के भाजपा में जाने से कांग्रेस इस क्षेत्र में कमजोर हो गई है। इसलिए कमलनाथ की कोशिश है की संगठन को मजबूत कर भाजपा को बड़ी चुनौती दी जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ दिल्ली जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली प्रवास के दौरान पार्टी हाईकमान कार्यकारिणी की घोषणा जाने को लेकर चर्चा करेंगे। चूंकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए चाहते की नई कार्यकारिणी की घोषणा में और ज्यादा विलंब हो। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नामों की घोषणा इसी होने और सप्ताह कर दी जाएगी। मप्र कांग्रेस कमेटी पदाधिकारियों के नाम फायनल कर सूची करीब तीन महीने पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को भेज चुकी है लेकिन एआईसीसी अब तक नई कार्यकारिणी की घोषणा नहीं कर पाई है।
भारत जोड़ो यात्रा के कारण हुई देरी
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि पीसीसी नामों की सूची एआईसीसी को भेज चुकी है। वहीं से कार्यकारिणी की घोषणा होना है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ आज दिल्ली जा रहे हैं हो सकता है इस संबंध में वे पार्टी हाईकमान से चर्चा करें। दरअसल एआईसीसी की ओर से निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक ब्लॉक से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व एआईसीसी सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया गत 20 अगस्त तक पूरी होना थी लेकिन संगठन चुनाव की प्रक्रिया अक्टूबर में पूरी हो पाई थी। मप्र कांग्रेस संगठन चुनाव क प्रोविंशियल रिटर्निंग ऑफिसर (पीआरओ) आरसी खूंटिया ने संगठन के चुनाव कराकर पदाधिकारियों के नामों की सूची मप्र कांग्रेस कमेटी को सौंप दी थी जिसे एआईसीसी को भेज दिया गया था। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है बीच में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव मैंने और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा वर्तमान जिलाध्यक्ष नेताओं के व्यस्त होने की वजह मप्र कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की घोषणा में देरी हुईं है।
16 जिलों के अध्यक्षों को बदलने पर चर्चा
ग्वालियर शिवपुरी भिंड निवाड़ी मुरैना अशोकनगर श्योपुर समेत करीब 16 जिलों के अध्यक्षों को बदलने की तैयारी हो रही है। देखा जाएं तो कई जिलों में कांग्रेस की हालत खराब है। सबसे ज्यादा विध्य और बुन्देलखंड में कांग्रेस कमजोर है। प्रदेश के 13 जिले ऐसे हैं जहां कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। इनमें टीकमगढ़,निवाड़ी ,रीवा, सिंगरौली, शहडोल,उमरिया ,हरदा ,नर्मदापुरम ,सीहोर ,खंडवा बुरहानपुर ,नीमच और मंदसौर जिलों में किसी भी सीट पर कांग्रेस का एक भी एमएलए नहीं हैं। इन जिलों में 42 विधानसभा की सीटें हैं। इन जिलों को लेकर भी कांग्रेस खासा जोर दे रही है। वहीं चंबल पर कांग्रेस का इसलिए भी जोर ज्यादा है क्योंकि 2018 में कांग्रेस ने सिंधिया को आगे करके चुनाव लड़ा था। पिछले कुछ महीनों से नई कार्यकारिणी की घोषणा की चर्चा के बीच यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि भोपाल के शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष को बदला जाएगा। चर्चा थी कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर किसी युवा चेहरे को और ग्रामीण जिलाध्यक्ष के पद पर ग्रामीण क्षेत्र में सक्रिय नेता को बैठाया जाएगा। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि दोनों जिला अध्यक्षों ने पार्टी के एक रसूखदार नेता से आग्रह किया कि वे पद से नहीं हटना चाहते। इसके बाद उन वरिष्ठ नेता ने ऊपर बात की और दोनों जिलाध्यक्षों की कुर्सी बच गई।
प्रभारी अध्यक्षों के भरोसे काम
इस साल के अंत में मप्र में विधानसभा चुनाव होना है जिसकी तैयारियों में कांग्रेस जुटी है। संगठन चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के भी ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा नहीं सभी ब्लॉक और कई जिलों में प्रभारी अध्यक्षों के भरोसे काम चल रहा है। नई की जा रही है। कार्यकारिणी की घोषणा नहीं होने से कई पद पर रहेंगे या चले ह से आशंकित हैं कि वे पद का काम प्रभावित हो जाएंगे। इससे संगठन का काम रहा है। खास बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से भाजपा के संगठन की मजबूत बताते हुए कह चुके हैं कि हमारा मुकाबला भाजपा से नहीं बल्कि उसके मजबूत संगठन से है। हमारा संगठन कमजोर है हमें उसे मजबूत करना है। इसके बाद भी नई कार्यकारिणी घोषित नहीं की जा सकी है।