धर्म बनाम धंधा: बागेश्वर धाम के सेवादारों ने तालाब श्मशान की जमीन पर किया अतिक्रमण, तहसीलदार ने भेजा नोटिस

भोपाल/ छतरपुर  । देश के प्रख्यात कथाकारों में शुमार हो चुके छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र शास्त्री और उनके सेवादारों पर धाम के आसपास सरकारी तालाब और श्मशान की जमीनों पर अतिक्रमण करने के आरोप हैं। तहसीलदार ने जमीन पर अतिक्रमण को लेकर नोटिस भी भेजा है। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की पड़ताल भी शुरू कर दी है। बागेश्वर धाम को लेकर गांव के लोग गुट में बंट गए हैं। गांव वाले विरोध में है लेकिन धाम पर मंत्री कलेक्टर एसपी एवं अन्य ताकतवर लोगों के नतमस्तक होने की वजह से खुलकर नहीं बोल रहे हैं।
धाम के आसपास की दुकानों से होने वाली लाखों की कमाई और किराए के चलते यहां जमीनों पर कब्जा होने लगा है। सरकारी जमीन को चारों ओर से घेरकर कब्जा किया जा रहा है। तहसीलदार ने निर्माण को लेकर एक नोटिस जारी किया है लेकिन निर्माण जारी है। खसरा नंबर 428 पर अवैध टपरों का निर्माण करके लोगों को किराए पर देकर अवैध वसूली की जा रही है। मंदिर से सटे खसरा नंबर 485/2 482 483 428 (जो क्रमश: 0.421 हेक्टेयर 0.388 हेक्टेयर 0.401 हेक्टेयर और 1.121 हेक्टेयर है) जमीन राजनगर तहसील के सरकारी रिकॉर्ड में श्मशान तालाब और पहाड़ के रूप में दर्ज है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और उनके सेवादार तालाब को पाटकर अब दुकान बनवा रहे हैं। निर्माण कार्य जोरों से चालू है। श्मशान में शव जलाने पर रोक लगा दी गई है।